scriptजयंतसेन धाम में 47 दिनी उपधान तप, देशभर से आऐंंगे भक्त | Jayantasan Dham ratlam | Patrika News

जयंतसेन धाम में 47 दिनी उपधान तप, देशभर से आऐंंगे भक्त

locationरतलामPublished: Oct 19, 2018 01:28:16 pm

Submitted by:

Gourishankar Jodha

जयंतसेन धाम में 47 दिनी उपधान तप, देशभर से आऐंंगे भक्त

patrika

जयंतसेन धाम में 47 दिनी उपधान तप, देशभर से आऐंंगे भक्त

रतलाम। 47 दिनी उपधान तप की शुरुआत जयंतसेनधाम सागोद रोड पर होगी। आचार्यश्री जिनचन्द्रसागर सूरिश्वर एवं हेमचन्द्रसागर सूरिश्वर महाराज की निश्रा में होने वाले तप की 21 अक्टूबर से शुरुआत होने की घोषणा करते ही आराधकों में खुशियां छा गई। शहरी कोलाहल से दूर और आध्यात्मिक स्पंदनों से परिपूर्ण तीर्थभूमि पर विशिष्ट तप साधना में देशभर से आराधक रतलाम पहुंचेंगे।
धर्म जागरण चातुर्मास के 88वें दिन आचार्यश्री ने कहा कि रतलाम की तपोभूमि पर साधना के कई कीर्तिमान रचे गए है। इसी क्रम में 47 दिनी उपधान तप अभिनव आयोजन होगा। इसमें मप्र के अतिरिक्त गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रान्तों के नगरों-महानगरों से बड़ी संख्या में आराधक शामिल होने आ रहे है। उन्होंने कहा कि इस तप आराधना का आयोजन नवोदित तीर्थ जयंतसेनधाम पर होने जा रहा है। इस तीर्थ भूमि के पुण्यप्रताप और तपस्वियों की तपनिष्ठा से नया इतिहास लिखा जाएगा।
जीवन में आचरण का बहुत ज्यादा महत्व
गणिवर्य विरागचन्द्रसागर महाराज ने नवपद ओलीजी आराधना के तीसरे दिन आचार पद की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि साधक के जीवन में आचरण का बहुत ज्यादा महत्व है, हमारी आत्मा के केंद्र में यदि करुणा होगी तो तपस्या और वासना होगी तो तनाव मिलेगा। बिना श्रेष्ठ आचार धर्म का पालन किए हम साधक ही नहीं बन सकते हैं। इसके लिए आचार्य भगवंत की आज्ञा का पालन जरूरी है। आचरण में आज्ञा पालन का भाव होगा तो वह आदर्श बन जाएगा। उन्होंने कहा नवपद की आराधना सत्व और सामथ्र्य प्रदान करती है। इस मौके पर मंदसौर में जिनालय प्रतिष्ठा के लिए रतलाम पहुंची प्रतिमाओं का आचार्यश्री की निश्रा में पूजन सत्कार किया गया। मंदसौर श्रीसंघ ने दर्शन वन्दन कर आशीर्वाद लिया।
निर्मला और रूपाली 22 को अंगीकार करेंगी जैन भागवती दीक्षा
समता कुंज में 22 अक्टूबर को श्री जैन भागवती दीक्षा दीक्षा महोत्सव मनेगा। इसमें दीक्षा दानेश्वरी आचार्यश्री रामेश के मुखारविंद से सोमेश्वर की मुमुक्षु निर्मला दुग्गढ़ एवं रूपाली सोलंकी दीक्षा ग्रहण करेगी। श्री साधुमार्गी जैन संघ द्वारा इस मौके पर दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किए गए है। चातुर्मास संयोजक महेंद्र गादिया ने बताया कि दीक्षा महोत्सव की शुरुवात 21 अक्टूबर को सुबह 7.45 बजे शोभा यात्रा से होगी। शोभा यात्रा घांस बाजार स्थित समता अतिथि भवन से निकलकर प्रमुख मार्गों से होते हुए समता कुंज पहुंचेगी। यहां प्रवचन के बाद दोपहर 1.30 बजे गोपाल नगर स्थित समता भवन के पास सांस्कृतिक मंच पर अभिनंदन समारोह आयोजित किया जाएगा। रात्रि 8 बजे बाजना बस स्टैंड के पास समता अतिथि परिसर में भजन संध्या होगी। 22 अक्टूबर को दीक्षा कार्यक्रम एवं प्रवचन सुबह 8.30 बजे समता कुंज में होंगे। इससे पूर्व सुबह 8 बजे महानिष्क्रिमण यात्रा निकाली जाएगी। श्री संघ अध्यक्ष मदनलाल कटारिया, स्वागताध्यक्ष हिम्मत कोठारी, मंत्री सुशील गौरेचा, उपाध्यक्ष कपूर कोठारी, राजूभाई कोठारी, सहसचिव विनोद मेहता आदि ने धर्मालुजनों से सभी आयोजनों में अधिक से अधिक उपस्थित होकर दीक्षा अनुमोदना में सहभागी बनने का आव्हान किया है।
कर्मो से परमात्मा भी नहीं बचा सकता.आचार्यश्री
समता कुंज में अमृत देशना के दौरान आचार्यश्री ने कहा कि पैसा, पद, प्रतिष्ठा और परिवार इनमें से कोई भी हमारी रक्षा करने में समर्थ नहीं है। इनके दम पर अपराध से बचा जा सकता है, लेकिन कर्मों से नहीं। कर्मों का हिसाब जब होता है, तो परमात्मा भी नहीं बचा सकता। इसलिए सभी को विचार करना चाहिए कि हमारे मन की दशा क्या है। गौतममुनि ने दीपावली पर फटाखे का उपयोग नहीं करने एवं आध्यात्मिक दीपावली मनाने का आव्हान किया। प्रांरभ में पंथकमुनि ने भी संबोधित किया। संचालन बाबूलाल सेठिया ने किया।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो