रतलाम

किसान आंदोलन- लहलहा रही सब्जियां, बाजार में आ रही कम

किसान आंदोलन- लहलहा रही सब्जियां, बाजार में आ रही कम

रतलामJun 01, 2018 / 02:15 pm

sachin trivedi

Kisan Aandolan

रतलाम. मंदसौर के गोलीकांड की बरसी पर किसान आंदोलन की एक जून से देशभर में शुरूआत हो गई है। खेतों और फॉर्म हाउस में भरपुर सब्जियां लहलहा रही है, लेकिन आंदोलन में किसानों से गांव रूकने का आव्हान सब्जी विक्रेताओं को असमंजस में डाल रहा है। दरअसल, मालवा-निमाड़ से बड़ी मात्रा में सब्जियां और दूध बड़े शहरों को भेजा जाता है। यही नहीं, मावा, पनीर , छाछ और दही की भी बड़ी मात्रा बड़े शहरों में जाती है। अब आंदोलन के अगले कुछ दिन ये तय करेंगे कि बड़े शहरों को ये सब मिलेगा या नहीं।
 

आंदोलन के चलते सब्जी विक्रेताओं में असमंजस
देश के 122 किसान संगठनों के आव्हान पर एक जून से गांव बंद महोत्सव की शुरूआत हो जाएगी। 10 दिनों तक किसान गांव में ही रूकेंगे। प्रशासन ने शहर के लिए करीब सवा लाख लीटर दूध के स्टॉक का दावा किया है। वहीं, डेढ़ टन सब्जियां भी रोजाना की तरह 16 से ज्यादा स्थलों से बिकेंगी। अन्य जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति बनाए रखने के लिए प्रशासन की 8 टीम लगाई गई है।
60 से ज्यादा गांव में अतिरिक्त पुलिस बल
महोत्सव में किसी भी उपद्रव और विवाद को रोकने के लिए भी 250 पुलिस जवान सादी वर्दी में तैनात किए गए है। जिले के 60 से ज्यादा गांव में अतिरिक्त पुलिस बल रहेगा तो 14 निगरानी टीम हाइवे व रास्तों पर नजर रखेगी। दूध-सब्जी बेचने वालों को परेशान करने की सूचना पर तत्काल कार्रवाई होगी। तमाम तैयारियों के बीच किसान महासंघ ने किसानों से सहयोग का आव्हान किया है।
10 जून तक गांव से बाहर नहीं निकलेंगे
गांव बंद महोत्सव (किसान आंदोलन) का आव्हान आज से गांव-गांव पहुंचेगा। विशेषकर रतलाम, जावरा, आलोट और सैलाना विकासखंडों के 500 से ज्यादा गांव में किसान महासंघ सक्रिय है। इन गांव में 10 जून तक महोत्सव के दौरान दूध, सब्जी, फल सहित अनाज उत्पादक किसान अपने गांव से बाहर नहीं निकलेंगे तो शहर मेें इन जरूरी वस्तुओं की बिक्री भी नहीं करेंगे। हालांकि प्रशासन ने इन सभी वस्तुओं की पर्याप्त व्यवस्था का दावा किया है। वहीं, पुलिस ने हर तरह की सुरक्षा का आश्वासन दिया है।

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