आयकर विशेषज्ञों ने बताया कि इस नए नियम का उद्देश्य सभी प्रकार के व्यापारिक लाभों या अनुलाभों को टीडीएस के जरिए कर योग्य आय की श्रेणी में लाना है। इससे महंगे उपहार लेने के बाद भी जो लोग उस पर टैक्स नहीं देते हैं, उन्हें उस पर कर चुकाना होगा।
आयकर कानून में टीडीएस के प्रावधानों को बढ़ाते हुए धारा 194 आर को जोड़ा गया है। इसके अनुसार इस तरह के उपहार देने वाली कंपनी उपहार पाने वाले से 10 प्रतिशत टीडीएस वसूलेगी। टीडीएस काटने के बाद ही उपहार या वह वस्तु दी जाएगी। इसके बाद कंपनी आयकर विभाग के टीडीएस रिटर्न में भी इसका उल्लेख करेगी और वसूली हुई राशि को जमा भी करेगी।
आयकर कानून में टीडीएस के प्रावधानों को बढ़ाते हुए धारा 194 आर को जोड़ा गया है। इसके अनुसार इस तरह के उपहार देने वाली कंपनी उपहार पाने वाले से 10 प्रतिशत टीडीएस वसूलेगी। टीडीएस काटने के बाद ही उपहार या वह वस्तु दी जाएगी। इसके बाद कंपनी आयकर विभाग के टीडीएस रिटर्न में भी इसका उल्लेख करेगी और वसूली हुई राशि को जमा भी करेगी।
आयकर विभाग को पता चलेगा
टीडीएस रिटर्न फाइल होने से आयकर विभाग को पता चल जाएगा कि वह उपहार किसे दिया गया और उसकी कीमत क्या थी। इसके साथ ही उपहार पाने वाले के आयकर पोर्टल में 26 एएस में यह अपने आप दिखने लगेगा। इसलिए उपहार लेने वालों को भी अपनी आय में इस उपहार की कीमत को जोडऩा होगा। वे इसे छिपा नहीं सकेंगे।
टीडीएस रिटर्न फाइल होने से आयकर विभाग को पता चल जाएगा कि वह उपहार किसे दिया गया और उसकी कीमत क्या थी। इसके साथ ही उपहार पाने वाले के आयकर पोर्टल में 26 एएस में यह अपने आप दिखने लगेगा। इसलिए उपहार लेने वालों को भी अपनी आय में इस उपहार की कीमत को जोडऩा होगा। वे इसे छिपा नहीं सकेंगे।
काटा जाएगा टीडीएस
एकल स्वामित्व वाली फर्म, हिंदू अभिविभाजित परिवार जिनकी व्यापार से बिक्री एक करोड़ रुपए से कम या पिछले वित्तीय वर्ष में पेशे से प्राप्तियां 50 लाख रुपये से कम हों। साथ ही यदि लाभ या अनुलाभ प्राप्त करने वाला भारत का नागरिक न हों तो उस पर भी यह नियम लागू नहीं होगा। सीए राकेश भटेवरा ने बताया कि उपहार दी गई वस्तु का उस समय का बाजार मूल्य देखकर उस कीमत पर टीडीएस काटा जाएगा।
एकल स्वामित्व वाली फर्म, हिंदू अभिविभाजित परिवार जिनकी व्यापार से बिक्री एक करोड़ रुपए से कम या पिछले वित्तीय वर्ष में पेशे से प्राप्तियां 50 लाख रुपये से कम हों। साथ ही यदि लाभ या अनुलाभ प्राप्त करने वाला भारत का नागरिक न हों तो उस पर भी यह नियम लागू नहीं होगा। सीए राकेश भटेवरा ने बताया कि उपहार दी गई वस्तु का उस समय का बाजार मूल्य देखकर उस कीमत पर टीडीएस काटा जाएगा।