भाजपा में लोह पुरुष व सरदार वल्लभभाई पटेल की तरह माने जाने वाले आडवाणी का रतलाम से गहरा नाता रहा है। वे रामरथ यात्रा हो या विधानसभा चुनाव 1998 या फिर लोकसभा का चुनाव, रतलाम में प्रचार के लिए आना उनकी पहली पसंद रहा। रतलाम में पार्टी से जुडे़ अनेक करीबी तो अब भी है, लेकिन विहिप से जुडे़ व गुजराती समाज स्कूल के पूर्व प्राचार्य भंवरलाल भाटी उनके बेहद करीबी मित्रों में रहे। मध्यप्रदेश में वित्त आयोग अध्यक्ष हिम्मत कोठारी ने बताया कि आडवाणी जी जब भी रतलाम आए, वे भाटी जी से मिलना पसंद करते थे। उन दोनों की मित्रता 1970 से भी पूर्व के समय की रही। जब भाटी जी नहीं रहे, व आडवाणी जी को बताया गया तो उनके पहले शब्द थे कि मैने जीवन में एक बेहतरीन मित्र को खो दिया।
समय पसंद है आडवाणी बात लोकसभा चुनाव की करें तो कोठारी के अनुसार 1996 के लोकसभा चुनाव के समय दो बत्ती पर आडवाणी जी की सभा थी। शाम को 6 बजे का समय था। आमतोर पर ये माना जाता है कि शाम को 6 बजे सभा है तो रात 8 बजे तक नेता आएंगे, लेकिन वे समय पर मंच पर आ गए। नेता जब भी शहर में आते है तो उनका विमान शहर का चक्कर लगाता है, लेकिन उन्होने ये भी नहीं किया था। उनको आगे नीमच में सभा करने जाना था। तब जितने लोग रहे, उतनों को सभा संबोधीत की व आगे की यात्रा पर निकल गए। बाद में काफी देर तक लोग आडवाणी जी को सुनने आते रहे, लेकिन तब तक वे नीमच से सभा करके आगे निकल चुके थे।
नमकीन है पसंद कोठारी के अनुसार आडवाणी जी को रतलाम की कचोरी व सेव काफी पसंद है। मालवा में कही भी आए, वे संदेश भेज देते थे कि नमकीन उपलब्ध हो जाए तो आनंद आएगा। इस बारे में पूर्व जिलाध्यक्ष ईश्वालाल पाटीदार ने बताया कि वे अटल जी की तरह खाने के मामले में पसंद अपनी हमेशा बताते रहे। यहां तक की ये भी सवाल करते थे कि नेता ने संगठन में काम करते समय अंतिम बार हिंदी पिक्चर कौन सी देखी थी।