तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाने से लाभ
पं. मुकेश जोशी के अनुसार मंगलवार की शाम मंदिर में जाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाने से अवश्य लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही उन्हें चोला चढ़ाते समय “सिंदूर शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवद्र्धनम्। शुभदं कामंद चैव सिंदूरं प्रतिगृहयन्ताम्” मंत्र का जाप करते रहें। एक नारियल पर सिंदूर लगाकर उसपर मौली बांध दें, इसके बाद यह नारियल हनुमान जी को अर्पण करें। हनुमान जी को लाल, गुलाबी और पीले रंग के फूल अर्पित करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। रोजाना प्रात: हनुमान जी नारियल या गुड़ के लड्डू का भोग लगाने से जीवन में खुशियों का प्रवेश होगा। घर से क्लेश दूर करने के लिए लाल चंदन में केसर मिलाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लगाएं।
पं. मुकेश जोशी के अनुसार मंगलवार की शाम मंदिर में जाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर तिल के तेल में सिंदूर मिलाकर चढ़ाने से अवश्य लाभ प्राप्त होगा। इसके साथ ही उन्हें चोला चढ़ाते समय “सिंदूर शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवद्र्धनम्। शुभदं कामंद चैव सिंदूरं प्रतिगृहयन्ताम्” मंत्र का जाप करते रहें। एक नारियल पर सिंदूर लगाकर उसपर मौली बांध दें, इसके बाद यह नारियल हनुमान जी को अर्पण करें। हनुमान जी को लाल, गुलाबी और पीले रंग के फूल अर्पित करने से आपको लाभ प्राप्त होगा। रोजाना प्रात: हनुमान जी नारियल या गुड़ के लड्डू का भोग लगाने से जीवन में खुशियों का प्रवेश होगा। घर से क्लेश दूर करने के लिए लाल चंदन में केसर मिलाकर हनुमान जी की मूर्ति पर लगाएं।
हट जाएगी कोई भी काली नजर
पं. मुकेश जोशी के अनुसार पांच बत्तियों वाले दिए में चमेली का तेल डालकर हनुमान जी की मूर्ति के सामने जलाएं। अपने साथ एक नारियल लेकर हनुमान मंदिर जाएं और मूर्ति के सामने खड़े होकर अपने सिर से वह नारियल सात बार वार लें। उसके बाद वह नारियल मूर्ति के चरणों में फोड़ दें। शाम या रात में हनुमान जी की पूजा करने के लिए फल का भोग अवश्य लगाना चाहिए। पीपल के 11 पत्तों पर कुमकुम या चंदन से श्रीराम का नाम लिखें और इसकी माला बनाकर हनुमान जी को चढ़ाएं।
पं. मुकेश जोशी के अनुसार पांच बत्तियों वाले दिए में चमेली का तेल डालकर हनुमान जी की मूर्ति के सामने जलाएं। अपने साथ एक नारियल लेकर हनुमान मंदिर जाएं और मूर्ति के सामने खड़े होकर अपने सिर से वह नारियल सात बार वार लें। उसके बाद वह नारियल मूर्ति के चरणों में फोड़ दें। शाम या रात में हनुमान जी की पूजा करने के लिए फल का भोग अवश्य लगाना चाहिए। पीपल के 11 पत्तों पर कुमकुम या चंदन से श्रीराम का नाम लिखें और इसकी माला बनाकर हनुमान जी को चढ़ाएं।