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रतलाम

पिछले साल आई थी मच्छरदानी: अब पौने दो लाख मच्छरदानियों का होगा 355 गांवों में वितरण

पिछले साल आई थी मच्छरदानी: अब पौने दो लाख मच्छरदानियों का होगा 355 गांवों में वितरण

रतलामFeb 11, 2019 / 06:27 pm

Yggyadutt Parale

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पिछले साल आई थी मच्छरदानी: अब पौने दो लाख मच्छरदानियों का होगा 355 गांवों में वितरण

रतलाम। पिछले साल चुनाव के पहले जिले को मिली कीटनाशी मच्छरदानियों के वितरण का अब जाकर रास्ता साफ हुआ है। इसके वितरण की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रवार तारीखें तय कर ली गई है। रतलाम शहर सहित जिले के ३५५ गांवों में सवा लाख से ज्यादा परिवारों को पौने दो लाख मच्छरदायिों का वितरण होगा। इसके लिए अलग-अलग तारीखों में अलग-अलग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विभागों के अमले को इनका वितरण किया जाएगा। इसकी शुरुआत १४ फरवरी को जावरा विकासखंड के बर्डिया गोयल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से होगी। रतलाम शहर में मच्छरदानियों का वितरण १९ फरवरी को होगा।

इस तारीख में यहां होगा वितरण
१४ फरवरी को जावरा के बर्डिया गोयल से इसकी शुरुआत करने के बाद १५ को पिपलौदा में १६ को बिलपांक में, १८ को सैलाना में, १९ को रतलाम शहरी क्षेत्र के लिए और २१ फरवरी को बाजना में इनका वितरण किया जाएगा। सभी जगह मच्छरदानियों का वितरण सुबह १० बजे से किया जाएगा। इसके साथ ही सभी को निर्देश दिए गए हैं कि मच्छरदानियां मिलने के बाद अगले सात दिन में इनका पूर्ण रूप से वितरण सुनिश्चित किया जाए।

विकासखंड ——– प्रभावित गांव ——- अनुमानित परिवारों की संख्या —– मच्छरदानियों की संख्या
जावरा ————- ०६ ——————– १४०९ —————— ५३००

पिपलौदा ———– २८ ——————– ४६१३ ——————१४०५०
सैलाना ———— १४५ —————— १८५८८ —————– ४५२००

रतलाम शहर ——— ०० —————— १०४००० —————- ३४६००
बाजना ————- १६५ —————- २०००० —————– ६०३००

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पूरे जिले में बांटी जाएगी मच्छरदानियां

कीटनाशी मच्छरदानियों के वितरण की तारीखें तय कर दी गई है। १४ फरवरी से इनका वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
डॉ. प्रभाकर ननावरे, सीएमएचओ, रतलाम

गुर्जर आंदोलन फेल करने, रेलवे ने बनाई ये तगड़ी योजना

रतलाम। राजस्थान में गुर्जर समाज पदोन्नती में आरक्षण की मांग को लेकर तीन दिन से पटरी पर बैठा हुआ है। समाज के इस शांतिपूर्वक किए जा रहे आंदोलन ने रेल व्यवस्था को चौपट करके रख दिया है। हालात ये है कि दिल्ली से मुंबई कोटा के रास्ते रतलाम होकर जाने वाली ट्रेनों को भापाल, उज्जैन होकर आना – जाना पड़ रहा है। अब रेलवे ने भी चुपचाप इस आंदोलन को फेल करने की योजना बना ली है। इस योजना का पहला ट्रायल भी बगैर बताए कर लिया है। अब इसको १३ फरवरी तक जारी रखा जाएगा। अगर आंदोलन आगे भी चलता है तो रेलवे चुपचाप अपनी योजना अनुसार काम करेगा। रेलवे ने क्या योजना बनाई व किस तरह से यात्रियों को परेशानी से मुक्ति दिला रहा है, उस बारे में यहां पढे़ं पूरी खबर।

असल में राजस्थान में जब भी गुर्जर समाज पटरी पर आता है तो सबसे बड़ा असर रेल चलाने पर होता है। इससे दिल्ली के रास्ते कोटा होते हुए रतलाम आकर बड़ोदरा तरफ जाने वाला रेल मार्ग ठप हो जाता है। अब रेलवे ने इसके लिए इस प्रकार की योजना शुरू कर दी कि इससे रेल भी चल रही है व लोगों को परेशानी भी नहीं हो रही है। बड़ी बात ये है कि गुपचुप शुरू की गई इस योजना का प्रचार भी आंदोलन वाले क्षेत्र में नहीं कर रही है। इसलिए गुर्जर समाज को इस बारे में पता ही नहीं चला है। इससे रेलवे का भी काम हो रहा है व यात्रियों को भी आराम मिल रहा है।

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