इन धाराओ में प्राथमिक दर्ज: जांच दल की शिकायत के आधार पर पुलिस ने पांचों अधिकारियों के साथ ही राशन दुकान संचालकों व विक्रेताओं के खिलाफ आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471, 409, 120 बी व भादवी 3/7 तथा आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस को सौंपी रिपोर्ट में जांच दल ने माना कि योजनाबद्ध तरीके से गरीबों को मिलने वाले राशन में कालाबाजारी कर घोटाला किया गया है। समग्र पोर्टल पर अपात्रों के नाम दर्शाए गए तो निगरानी करने वाले जिम्मेदार भी लापरवाह बने रहे।
जांच के दौरान इस पूरे घोटाले को अंजाम देने के वाले स्थान के रूप में घटनास्थल नगर निगम को माना है। इसके चलते सभी एफआईआर स्टेशन रोड थाने पर दर्ज कराई गई। जांच पूरी कर राशन माफियाओं के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए बीते दो दिन से कलेक्टर तन्वी सुंद्रियाल, एडीएम डॉ. कैलाश बुंदेला, एसडीएम शहर अनिल भाना व पटवारियों का अमला लगा था।
तात्कालीन कलेक्टर बी. चंद्रशेखर ने मार्च में पहली बार राशन दुकान पर छापामार कार्रवाई कर घोटाला उजागर किया था। उसके बाद जांच दल गठित कर २६ अप्रैल २०१७ से इन आठ दुकानों की जांच कराई गई थी, जिसमें हर तरफ गड़बड़ी उजागर हुई थी। कलेक्टर ने स्वयं पात्र व अपात्र परिवारों का पता लगाने के लिए कुछ घरों पर पहुंचे थे, लेकिन वहां कोई नहीं मिला था।
नगर निगम ने 11 हजार से ज्यादा परिवारों को बताया खाद्य अधिनियम लाभ वाला।
शुरुआती जांच में अधनियम वाले 26 हजार 813 परिवारों का ब्यौरा नहीं मिला।
हर माह शहर में 10 लाख किलो से ज्यादा खाद्यान्न का किया जा रहा था वितरण।
दुकान पात्र परिवर पात्र सदस्य फर्जी परिवार फर्जी सदस्य शासन को हानी
केशव प्राथ. उपभोक्ता भंडार १०९२ ५९११ ८९७ ३५७७ १९२३८४८३
गणेश प्राथ. उपभोक्ता भंडार ८०८ ४७०९ ५१३ ३०३० १६३२८८०२
पूजा प्राथ. उपभोक्ता भंडार् ८४२ ४२५२ ३३० १९१५ १०३४६४९५
मातेश्री प्राथ. उपभोक्ता भंडार ९१८ ४८७३ ४१६ ३९३२ २००७२३५२
अन्नपूर्णा प्राथ. उपभो भंडार ८१६ ३७३९ १९४ १२५६ ६६८४७१६
महर्षि प्राथ. उपभोक्ता भंडार ११९५ ५३६९ ३९३ २१२७ १२००२०९७
दुर्गा प्राथ. उपभोक्ता भंडार ४७१ २५८८ ३०२ १८६८ १०००२७२८
सांई नाथ प्राथ. उपभो भंडार २७४ १४१८ ९९ ५०६ ३३६१७४६
कुल ६४१६ ३२८५९ २८४६ १८३११ ९८०३७४१९