सरकारी अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं के इलाज में देरी होने और लापरवाही बरतने पर अंकुश लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने आसमान एप तैयार किया है। सुरक्षित प्रसव कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को वीआईपी ट्रीटमेंट की सुविधा देने के लिए आसमान एप्लीकेशन तैयार की हैं। गर्भवती महिलाओं संबंधित कमजोरी और बीमारियों के बारे में पता चलेगा। साथ ही स्वास्थ्य केंद्र से नजदीकी अस्पताल या फिर जिला अस्पताल रैफर होने पर तत्काल इलाज संभव होगा। इससे गंभीर मामलों में मरीजों के इंदौर रैफर करने की संख्या में कमी आएगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को मिलेगा।
कहीं भी देख सकते ऑनलाइन आसमान एप्लीकेशन के लिए पिछले करीब सालभर से चल रहा है। इसमें अहम बात यह है कि एमसीएच में प्रसव के लिए आने वाली हर महिला की इंट्री प्रशिक्षित नर्सों को दिए गए टेबलेट में करना होती है। ऑन लाइन सिस्टम है जिसमें न केवल रतलाम में वरन प्रदेश के मुख्यालय पर भी उस महिला के उपचार और बीमारी या अन्य काम्प्लीकेशंस की स्थिति देखी जा सकती है। आसमान एप प्रदेश के उन जिलों में लागू किया गया है जिनमें मातृत्व और शिशु मृत्युदर ज्यादा हैं। इन जिलों में मप्र में जबलपुर, रतलाम, विदिशा के साथ खरगोन को इसमें शामिल किया गया हैं। जिसमें एक दर्जन से ज्यादा नर्सों व कमोबेश इतने ही स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई हैं। जिला अस्पताल के एमसीएच में 12 लैबर टेबल और वार्ड के हिसाब से 20 टेबलेट उपयोग में आ रहे हैं।
मरीजों के लिए यह होगा फायदा टेलबेट के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की मॉनिटरिंग की जा रही हैं। जिला मुख्यालय रैफर होने वाली महिलाओं की जानकारी ऑनलाइन दर्ज होती हैं। जैसे ही मरीज को जिला अस्पताल रैफर किया जाता है, वैसे ही पूरी जानकारी ऑन लाइन होगी। अस्पताल में रैफर होकर आने वाले मरीज के पहुंचने से पहले डॉक्टर, स्टाफ नर्स आदि उपस्थित होंगे और तत्काल इलाज शुरू होगा।
रैफर मरीजों की संख्या में कमी आई आसमान एप के माध्यम से गंभीर गर्भवती महिलाओं और सब सेंटरों से रैफर होकर आने वाली महिलाओं का इलाज भी त्वरित हो रहा है। इससे जिले से रैफर की जाने वाली महिलाओं की संख्या में कमी आई है फिर भी माह में १२ से १५ महिलाएं रैफर करना पड़ रही है। आब्सट्रेटिक आईसीयू शुरू होने के बाद इसमें और कमी आएगी।
– डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
– डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल