scriptभोले का चमत्कार: यहां की खीर खाने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है, जाने क्या है यहां की महिमा | mahashivratri 2019 | Patrika News
रतलाम

भोले का चमत्कार: यहां की खीर खाने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है, जाने क्या है यहां की महिमा

भोले का चमत्कार: यहां की खीर खाने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है, जाने क्या है यहां की महिमा

रतलामMar 06, 2019 / 06:28 pm

Yggyadutt Parale

patrika

भोले का चमत्कार: यहां की खीर खाने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है, जाने क्या है यहां की महिमा

रतलाम। शहर के बिलपांक में प्राचीन विरूपाक्ष महादेव मंदिर पर बुधवार को एक लाख भक्त प्रसादी ग्रहण करने के लिए पहुंचेंगे। इसमें महाशिवरात्रि के हवन कुंड से तपकर तैयार होने वाली खीर प्राप्ति के लिए नि:संतान महिलाओं के लिए भक्त मंडल ने अलग से व्यवस्था की है, श्रद्धालुओं को परेशानी न हो इसके लिए ३०० से अधिक सेवादार पुलिस और प्रशासन के साथ सेवाएं देंगे। पिछले साल मंदिर पर करीब ७०-७५ हजार श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। इस साल भक्तों की भीड़ को देखते हुए १ लाख श्रद्धालुओं में खीर वितरण की व्यवस्था की गई है।

सामाजिक कार्यकर्ता बिलपांक अशोक पाटीदार ने बताया कि 6 मार्च को सुबह ११ बजे से खीर महाप्रसादी का वितरण विरुपाक्ष मंदिर बिलपांक के प्रांगण में होगा। बरसों से हजारों नि:संतान दंपति विरुपाक्ष महादेव से इक्षित संतान प्राप्ति हेतु खीर महाप्रसादी का आशीर्वाद प्राप्त करने बिलपांक जिला रतलाम आते है। ग्यारवें रूद्र विरूपाक्ष महादेव की यदि यह शिल्प इंग्लैंड में होता तो राष्ट्रीय स्मारक होता। डॉ स्व. ओम प्रकाश पंड्या के शोध ग्रंथो से प्राप्त जानकारी अनुसार भारतीय ज्योतिष अकादमी के संयोजक पं. बाबूलाल जोशी ने बताया कि हीलियम व न्युट्रान की प्रधानता का दूसरा नाम ही रुद्र है। समस्त भौतिक परमाणु होने के कारण उन्हें भूपति कहा जाता है विरुपाक्ष रुद्र के ग्यारहवें अवतार में चौथे स्थान पर हैं । इस संबंध में प्रसिद्ध वैज्ञानिक कृष्णन के एक साथी ने अपना नाम गुप्त रखते हुए कहा कि हीलियम गैस है जो सूर्य के आसपास घेरा बनाए हुए हैं और जिसके रेडियोऐक्टिव विस्फोट से सूर्य की गर्मी जिसे परमाणु विस्फोट कहा जाता है। अगर यह सत्य है तो एक ही रुद्र है जो सूर्य है, रुद्र के अवतार के संबंध में सोशल एंथ्रोपोलॉजी के अनुसार बिलपांक विरूपाक्ष महादेव का स्थान एक तांत्रिकों का मिलन स्थान रहा है, जहां पर चतुर्दशी अमावस्या को साधना करते रहे हैं। तांत्रिकों के अनुसार यहां पर पंच मुंडा का आसन भी है। ज्योतिर्लिंग होने के लिए जिन जिन धारणाओं मान्यताओं का मानना आवश्यक है वह सब यहां पर है।
८० किलो खीर प्रसादी नि:संतान महिलाओं के लिए
८० किलो खीर नि:संतान महिलाओं को प्रसादी के रूप में प्रति चम्मच दी जाएगी। इसके साथ ही दर्शनार्थ आने वाले भक्तों के लिए ६ बोरी शक्कर की नुगदी प्रसादी का वितरण किया जाएगा। मंदिर व्यवस्था प्रभारी ग्रामीण एसडीएम शिरानी जैन द्वारा देखी जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से १५० पुलिस जवान तैनात है, इनके साथ ७० के करीब आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और जनपद के सदस्यों के अलावा ४० से अधिक राजस्व विभाग के कर्मचारी भी सेवाएं दे रहे हैं। सबसे खास बात यहां समापन अवसर पर पूरे दिन ग्रामीणों द्वारा बैठक व्यवस्था की जाकर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए फरियाली, लस्सी एवं चाय पूर्ण रूप से नि:शुल्क वितरण की जाती है। क्षेत्र को पॉलीथिन मुक्त रखने के लिए कागज का ही उपयोग किया जा रहा है।

Home / Ratlam / भोले का चमत्कार: यहां की खीर खाने से नि:संतान महिलाओं की गोद भर जाती है, जाने क्या है यहां की महिमा

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो