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रतलाम

मकर संक्रांति विशेष…. उड़ी उड़ी रे पतंग…पहन मास्क के संग

उत्सव का रंग, पत्रिका के संग; मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग के साथ आपकी पतंगबाजी के फोटो आज पत्रिका में प्रकाशित समाचार में दिए WhatsApp पर भेंजे, चुनिंदा फोटो patrika.com पर प्रकाशित किए जाएंगे। इनको आप 15 janvary को पत्रिका समाचार पत्र में प्रकाशित होने वाले QR Code को स्कैन कर हमारी वेबसाइट patrika.com पर जाकर देख व शेयर कर सकते हैं।

रतलामJan 14, 2022 / 01:21 pm

sachin trivedi

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पत्रिका टीम. मकर संक्रांति उर्जा और उल्लास का पर्व। आसमान पर उड़ती पतंगों से ख्वाब पूरा होने की उम्मीद, तिल-गुड का पारंपरिक सेवन सेहत का मंत्र और पर्व स्नान के साथ हर निराशा को खुद से त्यागने का आव्हान। पर्व मनाने के लिए सभी तैयार है, उत्साह भी है और उमंग भी, लेकिन एक संकल्प के साथ। संकल्प सुरक्षा का, अपनी भी और दूसरों की भी। पहला संकल्प पतंगबाजी के दौरान (चाइना) मांझा पर प्रहार का। अनेक संगठन चाइना मांझा से दूरी का आव्हान कर रहे हैं, हमें भी इस असुरक्षित डोर से जिंदगी को बचाना है, क्योंकि यह मांझा ना सिर्फ इंसानी बल्कि पशु-पक्षियों के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। दूसरा संकल्प, पर्व मनाने के दौरान मास्क के उपयोग और सोशल डिस्टेंसिंग का। मन करीब हो, लेकिन वह दूरी जरूर रखें जो संक्रमण को रोक सकें। मास्क पहनकर भी हम एक-दूसरे के साथ पर्व के उल्लास को सुरक्षा के साथ दोगुना उत्साह से मना सकेंगे।

मकर संक्रांति परंपरागत पतंगबाजी का दिन। कहीं आज तो कहीं कल यह पर्व उत्साह और उल्लास से मनाया जाएगा। हर वर्ष उज्जैन संभाग के जिलों में बड़े पैमाने पर पतंग का कारोबार होता है और इसके साथ ही बाजार में प्रतिबंधित चाइना मांझा भी बेचा जाता है, जिसकी डोर जिंदगी की डोर को थाम देती है। बीते एक वर्ष के दौरान ही उज्जैन संभाग में दर्जनों मामलों में प्रतिबंधित चाइना मांझा लोगों की जिंदगी ले चुका है तो जोखिम भी साबित हुआ है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने भी इसे खतरनाक श्रेणी में मानते हुए प्रतिबंधित किया है, बावजूद इसके जिलों में चाइना मांझा की बिक्री धड़ल्ले से जारी है, कई जिलों में तो स्थानीय प्रशासन ने इस पर पाबंदी का निर्देश भी जारी नहीं किया है, जबकि सामाजिक संगठन और जागरूक संस्थाएं लगातार इसकी मांग कर रही है। अनदेखी के कारण कई जिलों में प्रतिबंधित सामग्री का उपयोग रूक नहीं पा रहा है।

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चाइना मांझा इसलिए है खतरनाक
अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत नीमच के शाश्वत पाटीदार ने बताया कि चाइना मांझा दरअसल प्लास्टिक मांझा है। यह धागों से नहीं बनता, बल्कि नायलॉन और एक मेटेलिक पावडर से बनाया जाता है, यह प्लास्टिक की तरह लगता है और स्ट्रैचेबल होता है। इसे काटना आसान नहीं होता और यह टूटता भी नहीं है। स्थानीय स्तर पर कुछ लोग इसकी धार को तेज करने के लिए कांच या लोहे के चूरे का उपयोग भी करते हैं, इससे यह ज्यादा घातक हो जाता है। इस मांझा से पतंग उड़ाने पर कंपन होती है और यह इलेक्ट्रिक कंडक्टर की तरह बन जाता है, जिससे खतरा होता है।

इस तरह होता है जिंदगी पर प्रभाव
मप्र जन अभियान परिषद के रतलाम जिला संयोजक रत्नेश विजयर्गीय ने बताया कि यह मांझा सिंथेटिक सामग्री के कारण टूटने में सरल नहीं होता, जिस कारण वाहन चालकों या किसी के गले आदि में फंसने पर खतरा बन जाता है। इसकी तेज धार शरीर के किसी भी अंग से रगड़ाने पर उसे काट देती है। पक्षी इसके दायरे में आते हैं तो वे भी खुद को बचा नहीं पाते। छोटे बच्चे जब इससे पतंग उड़ाते हैं तो असावधानी के कारण उनके हाथ कटने की संभावना भी रहती है, विशेषकर कंपन होने पर पतंग को संभालते वक्त अंगुली निशाना होती है। इससे बिजली फाल्ट का खतरा भी कम नहीं होता है।

मन के मिलन का पर्व, सुरक्षा रहे संग
मकर संक्रांति देशभर में अलग अलग नाम से मनाया जाने वाला महापर्व है, इसकी उर्जा और तेज जीवन की दिशा बदल देता है। पतंगबाजी का अपना महत्व है और इसे परंपरा अनुसार मनाना चाहिए, हम अपने घर पर ही रहकर इसका आनंद ले सकते है, लेकिन यह सावधानी जरूर रखें कि ऐसी सामग्री का उपयोग नहीं करें जिससे खतरा हो। महापर्व को कोरोना गाइडलाइन अनुसार, मास्क का उपयोग करते हुए मनाए तथा इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करें, ध्यान रखें सभी की खुशहाली ही इस पर्व की महत्ता है।
– पं. सुरेन्द्र चतुर्वेदी, अभा ब्राह्मण समाज अध्यक्ष उज्जैन

मास्क पहन घर की छत से उड़ाएं पतंग, हम जुड़ेंगे आपके संग, फोटो प्रकाशित करेंगे
– मकर संक्रांति पर आप मास्क का उपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ अपने घर की छत से पतंग उड़ा रहे हैं तो यह खास पल आप पत्रिका के साथ अपनों तक पहुंचा सकते हैं। इसके के लिए आपको हमारे वाट्सएप नंबर पर अपना पतंगबाजी का फोटो भेजना है, इसके साथ अपना नाम और पता भी दें, हम चयनित फोटो प्रकाशित करेंगे।
वाट्सएप नंबर…9179890074
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क्यूआर कोड को स्कैन कर देख सकेंगे फोटो
आपके फोटो पत्रिका डाट कॉम पर प्रकाशित किए जाएंगे, इसे 15 janvary को समाचार पत्र में दिए क्यूआर कोड को स्कैन करने पर देखा जा सकेगा या ऑनलाइन हमारी वेबसाइट पर जाकर भी आप अपने फोटो देख सकेंगे।

 

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