हम बात कर रहे हैं रतलाम जिले के महू-नीमच रोड स्थित ए ग्रेड की कृषि उपज मंडी की। इस मंडी में इंजीनियर द्वारा गुजराती की तर्ज पर नवीन मंडी गेट तो बनावाया गया, लेकिन यहां आए दिन हादसे का अंदेशा बना रहता है। इंजीनियर की मनमानी के चलते नवीन शेड के अलावा कई जगह घटिया निर्माण कार्य के आरोप लगे और पूर्व समिति द्वारा अविश्वात प्रस्ताव भी बैठकों में लाकर सख्ती कार्यवाही मांग की गई। यहां तक की घटिया निर्माण कार्य को लेकर मंडी अधिकारी कई बार तलब कर चुके हैं, इसके बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। जिम्मेदारों की लापरवाही का खामियाजा या तो किसान उठाएगा या फिर मंडी कर्मचारी। हालात इतने खराब है कि मंडी गेट की शुरुआत पिछले माह ही की गई और निर्माण कार्य बरती गई लापरवाही के कारण आए कम्प्यूटर कक्ष तक पहुंचने वाली सीडि़य़ा वाहनों के आवागमन से टूट रही है। इस संबंध में जब मंडी गेट बनाने की तैयारी चल रही थी, जब मंडी इंजीनियर राजेंद्र भावसार और मंडी सचिव एमएल बारसे ने बताया था कि गुजरात की तर्ज मंडी गेट का निर्माण किया जा रहा है।
कर्मचारियों को लगता दुर्घटन का डर
मंडी गेट पर धूप में बैठकर वाहनों की रसीद काटने वाले कर्मचारी भी यहां बैठने से डरने लगे हैंं, क्योंकि जिस स्थान पर गेट का चयन कर बनाया गया, वहीं समीप है तौल कांटा भी पहले से ही लगा हुआ है। जहां पर सुबह से शाम तक सैकड़ों वाहनों को आवागमन होता है और वह स्पीड में मंडी गेट के सामने आकर खड़े होते है तो बाहर से आने वाले किसानों को वाहन भी आए दिन आमने सामने होते रहते हैंं। जिससे दुर्घटना का तो भय बना रहता है। मंडी गेट के अंदर बनाए गए स्पीड ब्रेकर को लेकर भी पहले मंडी अधिकारी और इंजीनियर के मध्य अमानकता और उपयोगिता को लेकर बहस हो चुकी है।
मंडी गेट पर धूप में बैठकर वाहनों की रसीद काटने वाले कर्मचारी भी यहां बैठने से डरने लगे हैंं, क्योंकि जिस स्थान पर गेट का चयन कर बनाया गया, वहीं समीप है तौल कांटा भी पहले से ही लगा हुआ है। जहां पर सुबह से शाम तक सैकड़ों वाहनों को आवागमन होता है और वह स्पीड में मंडी गेट के सामने आकर खड़े होते है तो बाहर से आने वाले किसानों को वाहन भी आए दिन आमने सामने होते रहते हैंं। जिससे दुर्घटना का तो भय बना रहता है। मंडी गेट के अंदर बनाए गए स्पीड ब्रेकर को लेकर भी पहले मंडी अधिकारी और इंजीनियर के मध्य अमानकता और उपयोगिता को लेकर बहस हो चुकी है।
सब्जी मंडी का दूसरा गेट अनुपयोगी
सैलाना बस स्टैंड सब्जी मंडी में बनाया गया, दूसरा गेट भी अनुपयोगी है, उस पर वाहनों के आने जाने के दौरान कभी भी हादसा होने के डर से उपयोग नहीं किया जाता। लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए गेट और रूमों उपयोग नहीं है। यहां तक की मंडी गेट पर बनाए गए अमानक स्तर के काउकेचर कई बार टूट फूट गया को लेकर भी कई बार मंडी सचिव ने इंजीनियर को सुधारने की बात कही, फिर स्थिति जस की तस बनी हुई है।
सैलाना बस स्टैंड सब्जी मंडी में बनाया गया, दूसरा गेट भी अनुपयोगी है, उस पर वाहनों के आने जाने के दौरान कभी भी हादसा होने के डर से उपयोग नहीं किया जाता। लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए गेट और रूमों उपयोग नहीं है। यहां तक की मंडी गेट पर बनाए गए अमानक स्तर के काउकेचर कई बार टूट फूट गया को लेकर भी कई बार मंडी सचिव ने इंजीनियर को सुधारने की बात कही, फिर स्थिति जस की तस बनी हुई है।