मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को लिखे गए पत्र में कलेक्टरों ने वर्तमान स्थिति में अधिकारियों को फील्ड में जाने के दौरान होने वाली परेशानियों का हवाला दिया है। कलेक्टर ने स्वयं के साथ एडीएम, एसडीएम, तहसीलदारों के शासकीय वाहनों पर उक्त बत्ती लगाए जाने की अनुमति दिए जाने की मांग की है। कलेक्टर ने यह पत्र फिलहाल किसान आंदोलन को देखते हुए लिखा था। दरअसल गत वर्ष किसान आंदोनल की आग पूरे प्रदेश में इन्हीं तीन जिलों से फैली थी। आंदोलन इतना उग्र हो गया था कि छह किसानों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
बत्ती को लेकर हुई बैठक
कलेक्टरों द्वारा बत्ती की मांग किए जाने के बाद इस संबंध में भोपाल में एक बैठक भी आयोजित हो चुकी है, जिसमें उक्त प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बत्ती के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर पहले परिवहन विभाग और फिर शासन के माध्यम से केंद्र सरकार तक भिजवाने की बात कही है। दरअसल बत्ती लगाए जाने का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को ही करना है। उसकी अनुमति के बगैर किसी भी शासकीय वाहन पर बत्ती नहीं लग सकती है।
कलेक्टरों द्वारा बत्ती की मांग किए जाने के बाद इस संबंध में भोपाल में एक बैठक भी आयोजित हो चुकी है, जिसमें उक्त प्रशासनिक अधिकारियों के लिए बत्ती के संबंध में प्रस्ताव तैयार कर पहले परिवहन विभाग और फिर शासन के माध्यम से केंद्र सरकार तक भिजवाने की बात कही है। दरअसल बत्ती लगाए जाने का अंतिम निर्णय केंद्र सरकार को ही करना है। उसकी अनुमति के बगैर किसी भी शासकीय वाहन पर बत्ती नहीं लग सकती है।
इनका कहना है
लिखा है पत्र
– राजस्व अमले के सरकारी वाहनों पर बत्ती लगाए जाने के संबंध में शासन को पत्र लिखा है, फिलहाल उस पत्र को लेकर अब तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन शासन स्तर पर इसे लेकर बैठक हुई थी, जिसमें उक्त मांग को सरकार तक पहुंचाए जाने का निर्णय लिया गया है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर
लिखा है पत्र
– राजस्व अमले के सरकारी वाहनों पर बत्ती लगाए जाने के संबंध में शासन को पत्र लिखा है, फिलहाल उस पत्र को लेकर अब तक वहां से कोई जवाब नहीं आया है, लेकिन शासन स्तर पर इसे लेकर बैठक हुई थी, जिसमें उक्त मांग को सरकार तक पहुंचाए जाने का निर्णय लिया गया है।
रुचिका चौहान, कलेक्टर