पिस्टल से पुलिस दल पर कई फायर किए पैरवी करने वाले जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि एटीएस रतलाम को 3 जून 2011 को सूचना मिली थी कि खंडवा जिले में एटीएस आरक्षक की हत्या के आरोपी सिमी के आतंकी रतलाम में छिपे हैं। सूचना पर एटीएस के उपनिरीक्षक मनीष दुबेए आरक्षक शिवप्रताप सिंह और जितेन्द्र मोचीपुरा रतलाम पहुंचे। एटीएस के दल को देखकर मोहम्मद फरहत ओर उसके साथियों ने टेम्पो से भागने का प्रयास किया। बाद में पिस्टल से पुलिस दल पर कई फायर किए। हमले में आरक्षक शिव प्रताप सिंह की मौत हो गई थी। वहीं उपनिरीक्षक मनीष दुबे और आरक्षक जितेन्द्र गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
भोपाल सेंट्रल जेल से भागा था जाकीर रतलाम में एटीएस से मुठभेड़ के बाद फरहत के साथ जाकीर भी पकड़ाया था। इन्हे भोपाल की सेंट्रल जेल में शिफ्ट किए जाने के बाद वर्ष 2016 में जाकीर सहित आठ आतंकी सेंट्रल जेल में पुलिसकर्मी की हत्या कर फरार हुए थे। उसके बाद इनकी तलाश में जुटी पुलिस ने इन्हे अगले दिन घेर लिया। बाद में मुठभेड़ में सभी मारे गए थे। इनमें जाकीर भी शामिल था।