टीम ने सुबह सर्किट हाउस पर कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक से चर्चा की। उसके बाद सभी लोग बाजना के लिए रवाना हो गए। सुनील के पिता नानूराम ने परिवार के साथ एसपी कार्यालय में जाकर बताया कि प्रशासन के अधिकारी उसके घर पहुंचे और घर में रखा अनाज देखकर कागज में लिखकर ले गए है, जबकि वह अनाज उसका नहीं उसके पिता व भाई के घर का है।
भाई व पिता के घर में रखे अनाज उसका घर क्षतिग्रस्त होने से वह भाई के घर रह रहा है, लेकिन प्रशासन उसके भाई व पिता के घर में रखे अनाज को उसका बता रहा है। नानूराम की माने तो यहां उसका घर क्षतिग्रस्त होने से वह बेटे को दादा के यहां छोड़कर पत्नी के मजदूरी करने गया था। वहां पर उसे इसकी जानकारी मिली तो वो यहां पहुंचा था। उसके पिता व भाई का अनाज उसका कैसे हो सकता है।
19 बीघा जमीन भी है
प्रशासन की जांच में यह भी पाया गया है कि नानूराम के नाम सरकारी रिकॉर्ड में करीब 19 बीघा जमीन दर्ज है। इसकेअतिरिक्त जब तीन विभाग के अधिकारियों टीम मामले की जांच के लिए पहुंची थी तब घर में बड़ी मात्रा में मक्का व चावल मिले थे। एेसे में इतनी बड़ी मात्रा में अनाज घर में होने के बाद भी बालक राशन के लिए कीटनाशक का सेवन करे ये बात किसी को हजम नहीं हो रही है।
प्रशासन की जांच में यह भी पाया गया है कि नानूराम के नाम सरकारी रिकॉर्ड में करीब 19 बीघा जमीन दर्ज है। इसकेअतिरिक्त जब तीन विभाग के अधिकारियों टीम मामले की जांच के लिए पहुंची थी तब घर में बड़ी मात्रा में मक्का व चावल मिले थे। एेसे में इतनी बड़ी मात्रा में अनाज घर में होने के बाद भी बालक राशन के लिए कीटनाशक का सेवन करे ये बात किसी को हजम नहीं हो रही है।
दादा व काका राशन लेकर गए थे प्रशासन ने जांच के दौरान जिन भी लोगों के बयान दर्ज किए थे, उसमें यह भी पाया कि बच्चे के दादा व काका तो राशन लेकर गए थे लेकिन बच्चा कभी राशन लेने ही नहीं पहुंचा। उसने किसी और कारण से कीटनाशक पीया और अब बात को इस और मोड़ रहे है।