यहां ठीक मिली स्थिति लेकिन बच्चे कमजोर
जिले की ओआईसी रीना खत्री ने इसके अलावा अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया किंतु वहां स्थिति चौराना से काफी अच्छी मिली। इन स्कूलों में बच्चों की स्थिति कमजोर है लेकिन शिक्षक जो प्रयास कर रहे हैं उसे ओआईसी ने अच्छा माना। चौराना हाईस्कूल को लेकर उन्होंने खासी नाराजगी जताई। गौरतलब है कि पिछले साल बोर्ड परीक्षा में १०वीं कक्षा का परिणाम ३० फीसदी से कम रहा है उन पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है। साथ ही मिशन १००० में शामिल स्कूलों का परिणाम सुधारने के लिए भी जोर दिया जा रहा है।
हाईस्कूल कनेरी – स्कूल में बच्चों की उपस्थिति ५० फीसदी रही। टीचर स्कूल में लगातार पढ़ाई करवाकर परिणाम सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हें बच्चों की उपस्थिति १०० फीसदी करने के निर्देश दिए गए।
जिले की ओआईसी रीना खत्री ने इसके अलावा अन्य स्कूलों का भी निरीक्षण किया किंतु वहां स्थिति चौराना से काफी अच्छी मिली। इन स्कूलों में बच्चों की स्थिति कमजोर है लेकिन शिक्षक जो प्रयास कर रहे हैं उसे ओआईसी ने अच्छा माना। चौराना हाईस्कूल को लेकर उन्होंने खासी नाराजगी जताई। गौरतलब है कि पिछले साल बोर्ड परीक्षा में १०वीं कक्षा का परिणाम ३० फीसदी से कम रहा है उन पर खासतौर से फोकस किया जा रहा है। साथ ही मिशन १००० में शामिल स्कूलों का परिणाम सुधारने के लिए भी जोर दिया जा रहा है।
हाईस्कूल कनेरी – स्कूल में बच्चों की उपस्थिति ५० फीसदी रही। टीचर स्कूल में लगातार पढ़ाई करवाकर परिणाम सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। इन्हें बच्चों की उपस्थिति १०० फीसदी करने के निर्देश दिए गए।
हाईस्कूल सागोद – स्कूल में नौवीं में अच्छी उपस्थिति मिली किंतु १०वीं कक्षा में बच्चों की उपस्थिति कम होने से उन्हें उपस्थिति बढ़ाने को कहा गया। बच्चों का लेवल भी ठीक पाया गया।
हायर सेकंडरी पलसोड़ी – स्कूल में बच्चों का लेवल इस समय पिछले साल के मुकाबले ठीक पाया गया। बच्चों की उपस्थिति कम होने से बढ़ाने को कहा गया। शिक्षक नवाचार करके पढ़ाई करवा रहे हैं।
हाईस्कूल तंबोलिया – बाजना विकासखंड के इस स्कूल में कोई भी नियमित शिक्षक नहीं है। अतिथियों के भरोसे यहां के बच्चे पढ़ रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति भी बेहद कम पाई गई।
हाईस्कूल देवला – इस स्कूल में भी स्थिति तंबोलिया जैसी ही है। यहां भी अतिथि ही पढ़ा रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति और उनका स्तर कमजोर पाया गया। यहां भी कोई नियमित शिक्षक नहीं है।
हायर सेकंडरी पलसोड़ी – स्कूल में बच्चों का लेवल इस समय पिछले साल के मुकाबले ठीक पाया गया। बच्चों की उपस्थिति कम होने से बढ़ाने को कहा गया। शिक्षक नवाचार करके पढ़ाई करवा रहे हैं।
हाईस्कूल तंबोलिया – बाजना विकासखंड के इस स्कूल में कोई भी नियमित शिक्षक नहीं है। अतिथियों के भरोसे यहां के बच्चे पढ़ रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति भी बेहद कम पाई गई।
हाईस्कूल देवला – इस स्कूल में भी स्थिति तंबोलिया जैसी ही है। यहां भी अतिथि ही पढ़ा रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति और उनका स्तर कमजोर पाया गया। यहां भी कोई नियमित शिक्षक नहीं है।