उल्लेखनीय है कि इस संबंध में गत दिवस सीएम हेल्प लाइन पर हुए शिकायत के बाद मंडी प्रशासन जागा है। इसके पूर्व मिली भगत के चलते धड़ल्ले से हर दिन कई ट्रालियां मंडी खरीदकर बाहर गोदामों पर तुलवाने के लिए पहुंचाई जाती रही है, जिसे मंडी गेट से नाम पर ही छोड़ दिया जाता था। इस संबंध में मंडी समिति की बैठक में भी कई व्यापारियों का माल बाहर गोदामों पर तोल का विरोध किया गया। यहां तक की प्रतिबंध लगाए जाने का प्रस्ताव पास होने के बावजूद बाहर माल तुल रहा है, लेकिन सख्त कदम नहीं उठाए गए। पिछले एक सप्ताह से मंडी अधिकारियों ने गेट संभाल लिया है, ताकि किसानों को समझाईश दी जाकर मंडी के अंदर ही उपज तुलवाई जा सके।
किसान-मंडी को होता नुकसान कृषि उपज मंडी में किसान का माल बिकने के बाद उसे तौल के लिए बाहर गोदामों पर पहुंचाया जाता रहा है। इससे मंडी टैक्स की नुकसान होती है। जबकि होना यह चाहिए की जब माल मंडी में खरीदा है तो मंडी में है तुलना चाहिए। बाहर गोदामों पर पहुंचाने के कारण किसानों के साथ धोखाधड़ी होती है, तो आने-जाने का परिवहन खर्चा भी अतिरिक्त लगता है।
मंडी का बिका माल बाहर नहीं तुलने देंगे
मंडी के बाहर ले जाकर तोल कराना नियम विरूद्ध है। मंडी में माल बिकता है तो मंडी में ही तुलना चाहिए, इसके लिए मंडी प्रशासन सख्ती से कार्यवाही करेगा। इसके लिए गेट पर अधिकारी नियमित देख रहे हैं। गोदामों पर चेक करने के लिए अमले की कमी है। मंडी में उपज बैचने के बाद किसानों को बाहर माल ले जाने के लिए रोका जा रहा है। नहीं मानने पर शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। कुछ दिन किसान ने व्यापारी का माल बाहर तुलने की सीएम हेल्प लाइन पर शिकायत की थी।
एमएल बारसे, सचिव कृषि उपज मंडी, रतलाम