बीपीएल परिवारों का सत्यापन कार्य शुरू करने के पहले प्रशासन ने टीमों के गठन के साथ प्रशिक्षण का काम पूरा कर लिया है। शासन के निर्देश पर प्रदेश स्तर पर बीपीएल परिवारों के सत्यापन का काम अभियान के रूप में किया जाना है। कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देशन में प्रारंभिक रूप से पहले व दूसरे चरण में अधिकारी व कर्मचारियों को विकासखंड वार प्रशिक्षित किया गया है, जिससे कि कोई ये बहाना नहीं बना सके कि सत्यापन किस तरह से किया जाना है, ये नहीं पता।
सत्यापन के दस्तावेज सौंपे
राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पात्र-अपात्र श्रेणियों की जानकारी जांच दलों को दी गई है। इसके साथ ही प्रपत्र भरना भी सिखाया गया है, वहीं ऑनलाइन सबमिशन के बाद ऑफ लाइन जानकारी स्थानीय निकाय में जमा करने, मौके पर सत्यापन करने आदि बिंदुओं पर प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। जांच दलों को दूसरे चरण के प्रशिक्षण में आवश्यक सामग्री और शासन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी जानकारी से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराएं गए है।
राज्य शासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार पात्र-अपात्र श्रेणियों की जानकारी जांच दलों को दी गई है। इसके साथ ही प्रपत्र भरना भी सिखाया गया है, वहीं ऑनलाइन सबमिशन के बाद ऑफ लाइन जानकारी स्थानीय निकाय में जमा करने, मौके पर सत्यापन करने आदि बिंदुओं पर प्रशिक्षण में जानकारी दी गई। जांच दलों को दूसरे चरण के प्रशिक्षण में आवश्यक सामग्री और शासन द्वारा प्रत्येक व्यक्ति से जुड़ी जानकारी से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराएं गए है।
1226 दल जिले में
जिलेभर में दो लाख बीपीएल परिवारों के सत्यापन के लिए 1226 अधिकारी व कर्मचारियों के दल गठित किए गए है। इन दलों द्वारा की जा रही जांच प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए 125 पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए है। दलों की जांच में यदि कहीं कोई दावा-आपत्ति आती है, तो उसकी जांच व निराकरण पर्यवेक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा। उसी आधार पर अंतिम रूप से यह तय होगा कि संबंधित व्यक्ति बीपीएल के लिए पात्र है या अपात्र।
जिलेभर में दो लाख बीपीएल परिवारों के सत्यापन के लिए 1226 अधिकारी व कर्मचारियों के दल गठित किए गए है। इन दलों द्वारा की जा रही जांच प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए 125 पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए है। दलों की जांच में यदि कहीं कोई दावा-आपत्ति आती है, तो उसकी जांच व निराकरण पर्यवेक्षकों के माध्यम से कराया जाएगा। उसी आधार पर अंतिम रूप से यह तय होगा कि संबंधित व्यक्ति बीपीएल के लिए पात्र है या अपात्र।