रतलाम ही नहीं आसपास के अन्य जिलों के लोगों को रतलाम के मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलना निश्चित है। इस कॉलेज में बन रहे ७५० बेड के अस्पताल में हर विभाग की अपनी अलग ओटी होगी। इसका सीधा फायदा क्षेत्र के लोगों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है। यह सुविधा आमतौर पर बड़े-बड़े सरकारी अस्पतालों में भी नहीं मिलती है जो यहां मिलेगी।
इन विभागों में होगी ओटी
मेडिकल कालेज में यूं तो कई विभाग होते हैं किंतु जिन विभागों में सर्जरी की जरुरत होती है उनमें ओटी बनाई जाती है। कॉलेज में नाक, कान-गला, नेत्र रोग, स्त्री रोग के अलावा जनरल व स्पेशल सर्जरी, आर्थोपेडिक, पीडियाट्रिक सर्जरी के साथ ही कार्डियक सर्जरी के लिए ओटी तैयार की जा रही है। साथ ही मेडिकल कॉलेज में भी ट्रॉमा सेंटर बनेगा जिसमें इमरजेंसी केस रखे जाएंगे।
किसी भी अस्पताल में स्थापित होने वाली माड्युलर ओटी आम ओटी से कई गुना बेहतर और मरीजों के लिए वरदान जैसी होती है। यह ओटी पूरी तरह जीवाणु मुक्त होती है और इसमें प्रवेश के लिए ही कई स्तरों पर प्रवेश करने वाले नर्स, डॉक्टर, या मरीज का जीवाणुओं से मुक्त करने की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। ऑपरेशन के दौरान और बाद में इंफेक्शन का खतरा शून्य हो जाता है।
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स्टरलाइजेशन की सेंट्रल व्यवस्था
मेडिकल कॉलेज में बनने वाली माड्युलर ओटी में सेंट्रल स्टरलाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है जिससे एक ही समय में सभी ओटी को स्टरलाइजेशन किया जा सके। सभी ओटी एक ही जगह से स्टरलाइज की जा सकेगी जिससे सय की भी बचत होगी।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन, मेडिकल कॉलेज, रतलाम