पत्रिका टीम शहर की गौशाला रोड स्थित राशन की दुकान साई भंडार प्राथमि उपभोक्ता भंडार पर पहुंची। वहां पर सर्वर डाउन के कारण कई लोगों के थंब इंप्रेशन नहीं मिलने पर उन्हें वापस बिना राशन के घर भेज दिया गया। जब दुकानदार सन्नी पंवार से बातचीत की तो उसने बताया कि उनके पास २५० उपभोक्ता है। जिन्हें वह राशन देते हैं। पीओएस मशीन के आधार पर थंब इंप्रेशन के जरिए दिनांक एक से उन्नीस तक राशन दिया जाता है। खासकर शाम के समय मशीन में दिक्कत आती है। लगातार घंटो के लिए बंद हो जाती है। उसके बाद दूसरे दिन उपभोक्ता को बुलाया जाता है। अगर फिर भी थंब इंप्रेशन का मिलान नहीं होता है तो उन्हें १९ से २१ तारीख के बीच में आधार कार्ड देखकर राशन दिया जाता है। इस प्रकार से माह में करीब १०-१२ लोगों को राशन दिया जाता है। जिसमें वृद्ध और मजदूर वर्ग के लोग हैं।
दुकान के काटने पड़ते है चक्कर
सुभाष नगर निवासी कुबरा बी पति बाबू खान उम्र ६२ वर्ष ने पत्रिका को बताया कि वह राशन लेने को आती है तो उसके अंगूठे का निशान कई बार मिलान नहीं होता है। कई बार सर्वर डाउन होने के कारण दोबारा बुलाया जाता है। एेसे तीन-चार बार दुकान के चक्कर लगवा देते हैं। ये अंगूठा लगाने के सिस्टम के बाद काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बुढापे में लाइन लगाकर तो लेने पहुंचते है। उसके बाद यह समस्या और सामने आती है।
मशीन से राशन देने के मिले निर्देश
इसी माह से पीओएस मशीन के माध्यम से उपभोक्ताओं को राशन देने के निर्देश मिले है। लेकिन सर्वर नहीं आने व कुछ लोगों के अंगूठा निशान मैच नहीं होने से राशन वितरण में परेशानही आ रही है। सर्वर ठीक होते ही उपभोक्ताओं को समय पर राशन मिल जाता है। कई बार एेसा नहीं होने पर आधार कार्ड के आधार राशन दिया जाता है।
– विवेक सक्सेना, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी।
चैक अनादरण के मामले में आरोपी को छह माह की कैद
रतलाम। चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश तरूण सिंह की कोर्ट ने चैक अनादरण के मामले में दायर याचिका को खारिज कर निचली अदालत के फैसले को सही ठहराते हुए आरोपी को छह माह के कारावास की सजा को बरकरार रखने के गुरुवार को आदेश दिए हैं। एडवोकेट बीएस पाटिल ने बताया कि इंदिरा नगर निवासी ठाकुरदास सतवानी ने न्यायालय में चैक अनादरण के मामले में याचिका लगाई थी कि आरोपी प्रकाश ने जरूरत बताकर ठाकुरदास से २३ सितंबर २००९ को ८४ हजार नकद व एक लाख रुपए चैक से लिए थे। उसने इसकी एवज में १० सितंबर २०१३ का चेक १ लाख ८४ हजार का दिया। जिसे निर्धारित तिथि के अनुसार २० सितंबर २०१३ को एसबीआई बैंक में लगाया था। वह निर्धारित शुल्क नहीं होने पर बाउंस हो गया। आरोपी युवक को १० अक्टूबर २०१३ को नोटिस देकर सूचना दी। लेकिन कोई जवाब नहीं देने पर २१ नवंबर २०१३ को परिवाद कोर्ट में पेश किया था। मामले में जेएमएफसी कवितादीप खरे ने १४ जनवरी २०१६ को छह माह कारावास व तीन लाख रुपए अदा करने की सजा सुनाई थी। इस फैसले पर आरोपी के वकील ने अपर न्यायालय में अपील दायर की थी। जिस पर अपर न्यायालय ने अपील खारिज कर निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखने के आदेश दिए हैं।
फोटो- २१०२- गौशाला रोड स्थित राशन की दुकान पर मशीन का सर्वर डाउन
२१०३- उपभोक्ता कुबरा बी।