प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ अब तक जिले में उन हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है जिनको इसकी जरूरत है। प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति जिले में बेहद खराब है। जिले की छह जनपद क्रमश: आलोट, बाजना, जावरा, पिपलौदा, रतलाम व सैलाना में से आलोट व जावरा जनपद में नाममात्र के आवास बनकर तैयार हुए हैं जबकि शेष जनपदों में अब तक एक भी आवास पूरा नहीं हुआ है। पिछले दिनों जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) संदीप केरकेट्टा ने भी इस बात पर नाराजी व्यक्त की थी। सीईओ केरकेट्टा ने प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की थी। इस समीक्षा में ही ये राज खुला की अब तक छह में से चार जनपद में एक भी आवास प्रधानमंत्री के नाम की चल रही योजना में बनकर तैयार नहीं हुआ है।
आदिवासी क्षेत्र में कमजोर
सबसे बड़ी बात ये है कि जिले की छह जनपद में से बाजना व सैलाना जैसी आदिवासी जनपद में सबसे अधिक पीएम आवास निर्माण की मंजूरी मिली, लेकिन बेहद खराब स्थिति भी इन दो जगह की ही है। इन दोनों जनपद में अब तक एक भी प्रधानमंत्री आवास योजना में बनकर तैयार नहीं हो पाया है। जब बने ही नहीं, तो हितग्राही को इसका लाभ भी नहीं मिल पाया है।
समीक्षा बैठक में निर्देश दिए
पिछले दिनों पीएम आवास योजना को लेकर समीक्षा बैठक हुई थी। इसके सभी जनपद के सीईओ को कार्य में तेजी को लाने को कहा गया है। वित्तीय वर्ष समाप्ति के पूर्व लक्ष्य को पाने का कार्य हो जाएगा।
– निशिबाला सिंह, अतिरिक्त सीईओ, जिला पंचायत