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रतलाम

नामली नपं अध्यक्ष सोनावा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

नामली नपं अध्यक्ष सोनावा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रतलामNov 15, 2019 / 09:59 pm

kamal jadhav

नामली नपं अध्यक्ष सोनावा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

नामली नपं अध्यक्ष सोनावा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

रतलाम। प्रधानमंत्री आवास योजना में घोटाला करने वाले और अपात्रों को लाभ देने के नामली पुलिस थाने में दर्ज प्रकरण के बाद गुरुवार को नामली नगर पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र सोनावा की तरफ से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश राजेंद्र कुमार दक्षणी की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। बहस के दौरान कोर्ट ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मामला गंभीर आर्थिक अनियमितता का है इसलिए जमानत नहीं दी जा सकती है।

दो आरोपी हैं मामले में
नामली नगर पंचायत में हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के घोटाले में दो आरोपी हैं। इनमें एक नामली नगर पंचायत अध्यक्ष नरेंद्र पिता नंदराम सोनावा ४२ और दूसरा तत्कालीन नगर पंचायत सीएमओ अरुण ओझा हैं। जिला प्रशासन ने शिकायत के बाद कराई जांच के बाद अपर तहसीलदार के पत्र के आधार पर नामली पुलिस थाने में बीते दिनों ४२०, ४६७, ४६८, ४७१ में प्रकरण पंजीबद्ध किया था। प्रकरण दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की विवेचना कर रही है लेकिन नपं अध्यक्ष सोनावा की तरफ से अग्रिम जमानत के लिए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेंद्र कुमार दक्षणी की अदालत में याचिका लगाई गई। याचिका पर बहस के दौरान दोनों पक्षों ने अपने-अपने तर्क रखे। बहस के बाद कोर्ट ने सोनावा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
यह है पूरा मामला
नामली नगर पंचायत में एमआईएस किए गए कुल 706 हितग्राहियों की जांच में 426 पात्र पाए गए थे। अभिलेखों की कमी के कारण कुल 269 अपात्र हितग्राही पाए गए। साथ ही 101 हितग्राही ऐसे पाए गए जिनका अनुमोदन कलेक्टर से नहीं लिया गया। योजना में 370 हितग्राही अपात्र पाए गए। पात्र हितग्राहियों को भुगतान किया जा रहा है। इसमें केन्द्रांश तथा राज्यांश अनुदान आवंटन की कुल राशि 1293.75 लाख रुपए नगर पंचायत नामली को उपलब्ध कराई गई। योजना मध्य के बैंक खाते में शासन से राशि सीधे अंतरित की गई। योजना को पलीता लगाने के लिए इस राशि में से करीब 350 लाख रुपए अन्य तीन बैंकों में अनाधिकृत रूप से हस्तांतरित कर दी। यही नहीं इन कर्ताधर्ताओं नेे 104.83 लाख रुपए का भुगतान अन्य विभिन्न कार्यों मद में कर दिया था। इसकी गहनता से जांच हुई थी।
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