स्टेडियम में दर्शकों के बैठने के लिए बनाए गए स्थान के नीचे नगर निगम के आवास भी थे जिनमें निगम के कर्मचारी और उनके परिवार रहते हैं। कई सालों पहले यह स्थान जर्जर घोषित हो चुका है। इसके बाद भी कुछ परिवार इसमें रह रहे थे। करीब चार साल पहले इसका एक हिस्सा गिरने के बाद यहां रहने वाले तीन परिवारों से ये आवास खाली करवा लिए गए थे। नया पैवेलियन और स्टेडियम बनाने के लिए पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा के कार्यकाल से ही कवायद चल रही थी। अब जाकर यह जमीन पर उतर रही है।
तीन करोड़ से ज्यादा राशि
स्टेडियम के निर्माण के लिए नगर निगम ने जो डीपीआर तैयार की है उसके अनुसार इस पर तीन करोड़ २८ लाख रुपए खर्च होंगे। निगम के सिटी इंजीनियर जीके जायसवाल के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना के अनुसार यह जगह पूरी तरह समतल करके ठेकेदार को देना है। इसे तोडऩे के बाद मलबा हटाने और निकले मटेरियल को ले जाने के लिए टेंडर हुए थे। सबसे ज्यादा राशि पांच लाख ३१ हजार की एक फर्म ने दी थी। यह राशि जमा करवा ली गई है। हमने आज से अपने संसाधनों से इसे तोडऩा शुरू कर दिया है।
कबाड़ी ले जाएगा सारा मटेरियल
स्टेडियम और पेवेलियन को तोडऩे से निकले मलबे को हटाने और निकले मटेरियल को ले जाने के लिए कबाडिय़ों से टेंडर मंगाए गए थे। रतलाम के ही एक कबाड़ी को यह ठेका गया है जो मलबा हटाकर मटेरियल ले जाने के बदले निगम में पांच लाख ३१ हजार रुपए में तय था। यह राशि कबाड़ी की तरफ से जमा करवा ली है। इसे तोडऩे का जिम्मा निगम का था जो हमने शुरू कर दिया है।
जीके जायसवाल, सिटी इंजीनियर, नगर निगम