रतलाम। सितंबर माह रेलवे में मध्यप्रदेश के मान से हादसों का माह है। कुछ दिन पूर्व एक हादसे के बाद मंगलवार की सुबह फिर हादसे के साथ हुई। रतलाम दिल्ली के बीच के सेक्शन में मालगाड़ी के डिब्बे बे पटरी हो गए। इससे रतलाम से लेकर दिल्ली तक रेल यातायात जाम हो गया। बाद में अधिकारी पहुंचे व रखरखाव का कार्य शुरू किया गया।
बांगरोद रेलवे स्टेशन पर मंगलवार सुबह करीब 6 बजे कोटा तरफ जा रही मालगाड़ी के गार्ड का डिब्बा बे पटरी हो गया। बांगरोद में ये उसी स्थान पर हुआ जहां दो वर्ष में दो बार पहले भी मालगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतरे है। रेलवे ने मामले की जांच का निर्णय लिया है। स्टेशन पर चार लाइन की पटरी होने से रेल यातायात प्रभावित हुआ। घटना की सूचना मिलने के बाद वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पहुंच गए थे।
इतने बजे हुआ हाउसा बड़ोदरा तरफ से आई मालगाड़ी कोटा के लिए सुबह 5.50 बजे करीब रतलाम से रवाना हुई। यहां से निकलने के बाद ट्रेन सुबह 6 बजे करीब जैसे ही बांगरोद रेलवे स्टेशन को क्रास कर रही थी, उसी समय मालगाड़ी का सबसे अंतिम डिब्बा क्रमांक 86141274050 जो कि गार्ड का था, पटरी से उतर गया। इस डिब्बे का एक व्हील पटरी से उतरा।
सूचना मिलते ही पहुंचे अधिकारी मामले की सूचना मिलते ही मंडल के वरिष्ठ अधिकारी बांगरोद रेलवे स्टेशन पहुंच गए। अपर मंडल रेल प्रबंधक केके सिन्हा, वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक पवन कुमार सिंह, वरिष्ठ यांत्रिकी इंजीनियर कमलसिंह चौधरी, वरिष्ठ इंजीनियर समन्वय योगेश शर्मा के अलावा पॉवर व ट्रैक विभाग के अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे। करीब 100 से अधिक गैंगमेन को बुलाकर क्रेन की सहायता से पटरी से उतरे डिब्बे के व्हील को वापस चढ़ाया गया।
तीसरी बार हुई घटना इस घटना से भले रेल यातायात जरा भी प्रभावित नहीं हुआ हो, लेकिन इस स्टेशन पर ट्रेन के डिब्बे के व्हील के उतरने की घटना तीसरी बार हुई है। इसके पूर्व दो बार इसी स्टेशन पर इसी पाइंट पर व्हील उतरने की घटना हो चूकी है। तब से अब तक इस पाइंट में सुधार के प्रयास हुए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई है। वर्ष 2016 व 2017 में भी एक – एक बार बांगरोद रेलवे स्टेशन पर इसी प्रकार की घटना हुई है।
ये है इसका तकनीकी कारण रेलवे के तकनीकी मामलों के जानकारों के अनुसार पटरी व व्हील में 40 से 45 एमएम का गैज रहता है। जब पटरी या व्हील में ये अंतर बढ़ जाता है तो इस प्रकार की दुर्घटना होती है। इसमे पटरी का टूटना या व्हील का उतरना शामिल है। अब रेलवे इस मामले में पटरी, व्हील आदि सहित स्टेशन मास्टर, गार्ड, इंजन चालक, सहायक चालक, पाइंट्समैन, गैंगमेन आदि के बयान लेगा।
जांच के बाद निर्णय मामले में जांच के आदेश दिए गए है। कनिष्ठ वर्ग के अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। जांच के बाद किस तरह से सुधार की जरुरत है, इस पर निर्णय लिया जाएगा।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक
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