जीआरपी पुलिस थाने के सामने यूनियन कार्यालय से लगे हुए गु्रप डी कर्मचारियों का रेस्ट हाउस इन दिनों चर्चा में है। चर्चा का कारण यहां पर रात में सजने वाली शराब की महफील है। इस बारे में अनेक बार बाहर से आने वाले कर्मचारियों ने इंजीनियरिंग विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को की, लेकिन वे अब तक इस पर ध्यान नहीं दे रहे है। इसके देखरेख का जिम्मा इंजीनियरिंग विभाग के मंडल कॉर्डिनेशन के पास है।
हर ब्रांड की है बोतल
इस रेस्ट हाउस के पीछे की तरफ की बांउड्री के अंदर हर ब्रांड की शराब की बोतल खाली पड़ी हुई है। इस बारे में जब रेल संगठन के नेताओंं से बात की तो उनका कहना है कि उन्होने हर बार स्थायी वार्तातंत्र की बैठक में इस मामले को उठाया, लेकिन इस और अब तक जिम्मेदारों ने ध्यान देना जरूरी नहीं समझा है। बता दे कि इसके पूर्व रेलवे स्टेशन पर भी शराबखोरी के बारे में पत्रिका ने मामले को उजागर किया था।
आने-जाने का रास्ता तक बंद
इस रेस्ट हाउस में आने-जाने के रास्ते तक को दो पहियां वाहन के ठेकेदार ने बंद कर दिया है। उनको जितनी जगह दी गई है, उससे अधिक जगह पर पार्र्किंग करके रेलवे को चुना लगाया जा रहा है। ये कार्य रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है। इससे स्टेशन आने-जाने में भी समस्या यात्रियों को आती है, क्योकि रेलवे स्टेशन पर नए निर्माण का कार्य चल रहा है।
हमने मौखिक रुप से बताया है
हमने मौखिक रुप से बताया है कि रेस्ट हाउस को चलाने में परेशानी आ रही है। शराब कौन आकर सेवन कर रहा, इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन वाहन ठेकेदार दरवाजे तक वाहन रखकर अवैध रुप से रुपए वसूल रहे है।
– टिल्लू सेठ, रेस्ट हाउस ठेकेदार
हमने शिकायत की, अब आंदोलन करेंगे
इस मामले में हमने शिकायत की है। इंजीनियर कॉडिनेशन सुनवाई नहीं कर रहे है। अब आंदोलन किया जाएगा। देर रात तक लोग आकर शराब पी रहे है। इस पर ध्यान देना जरूरी है।
– नरेंद्रङ्क्षसंह सोलंकी, सहायक मंडल मंत्री, वेस्टर्न रेलवे एम्प्लाईज यूनियन
तुरंत निर्देश दे रहे है
इस मामले में मीडिया से पता चल रहा है। तुरंत इस कार्रवाई के निर्देश दे रहे है।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक