बता दे कि पिछले एक सप्ताह में रेलवे अस्पताल में मलेरिया की जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या में ही अचानक से बढ़ोतरी हुई है। अस्पताल की ओपीडी के अनुसार प्रतिदिन करीब ७० से १०० मरीज मलेरिया की जांच के लिए आ रहे है। इनमे से कुछ लोगों को मलेरिया के लक्षण मिलने के बाद दवा दी जा रही है।
पहले जाने कॉलोनी की स्थिति
रेलवे कॉलोनी में उज्जैन की एक फर्म को दिया कचरा उठाने का टेंडर जुलाई माह में समाप्त हो गया। नियम कहता है कि जब तक नया टेंडर नहीं हो, तब तक पूर्व के निविदा वाले के समय को बढ़ाया जा सकता था, लेकिन अब तक नए टेंडर नहीं हुए व कचरा उठवाने की वैकल्पिक व्यवस्था हुई। इससे कॉलोनी में मुख्य सड़क से लेकर गलियों तक कचरा ही कचरा हो रहा है। इससे मच्छर बढ़ रहे है व रेल कर्मचारियों में मलेरिया फैलने का डर है।
स्टेशन की हालात भी खराब
रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म को तो डीआरएम आरएन सुनकर के राउंड के भय के चलते साफ किया जा रहा है, लेकिन बाहरी क्षेत्र साफ नहीं है। इससे यहां पर गंदगी बढ़ती जा रही है व यात्रियों को आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब तक बाहरी क्षेत्र को साफ करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा है। डीलक्स टॉयलेट के करीब गंदगी के ढेर पडे़ हुए है, नेकिन इनको साफ नहीं किया जा रहा है।
जुर्माना किया जाएगा
जहां तक रेल परिसर की बात है तो अगर वहां पर गंदगी है तो जिम्मेदार पर जुर्माना किया जाएगा। रेलवेे कॉलोनी में शीघ्र सफाई हो व कचरा नियमित उठे इसकी व्यवस्था की जा रही है।
– जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल