Breaking अब ट्रेन में चोरी नहीं होगा आपका सामान, रेलवे ने उठाया ये जरूरी कदम, आप भी पढे़ं, क्या किया रेलवे ने
Rajdhani Express Train List News
रतलाम। मुंबई-रतलाम-दिल्ली-मुंबई राजधानी ट्रेन में रेलवे ने सीसीटीवी कैमरे लगाने की शुरुआत की है। कुछ समय पूर्व इस ट्रेन में पदस्थ आरपीएफ जवानों को बॉडी कैमरे लगाए गए थे। इसके बाद अब कोच में ही कैमरे लगा दिए गए है। शुुरुआत में 5 कोच में 20 हाई रिजाल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। इसको 100 कोच में लगाने की योजना है। इस पर रेलवे ढाई करोड़ रुपए का खर्चा करेगा। मुुबई-रतलाम-दिल्ली-मुंबई के बाद देश की अन्य राजधानी ट्रेन में भी इसी प्रकार से सीसीटीवी कैमरे लगने जा रहे है।
मंडल के अधिकारियों के अनुसार रेलवे लगातार यात्री सुरक्षा पर विशेष ध्यान दे रहा है। इसी के अंतर्गत कुछ समय पूर्व आरपीएफ जवानों को बॉडी कैमरा लगाए गए। अब इससे एक कदम आगे बढ़कर पश्चिम रेलवे ने राजधानी ट्रेन के डिब्बों में कैमरे लगाने की शुरुआत की है। अब तक 5 कोच में कैमरे लगाने में रेलवे ने 10 लाख रुपए का व्यय कर दिया है।
सुरक्षा को देखते हुए निर्णय असल में राजधानी ट्रेन को वीआईवी ट्रेन कहा जाता है। इसमे बडे़ अधिकारी, जनप्रतिनिधि आदि यात्रा करते है। कुछ समय से ये ट्रेन यात्रियों के लिए लगातार हो रही चोरियों की घटना की वजह से सुरक्षित नहीं रह गई है। एेसे में अब यात्रियों को अधिक सुरक्षा मिले इसके लिए इस प्रकार के कैमरे लगाए गए है। रेलवे 100 कोच में इस प्रकार के कैमरे लगाने जा रहा है। हर कोच में 6 कैमरे लगे हुए होंगे। इसके लिए रेलवे ने निविदा जारी कर दी है। 6 में से 4 कैमरे तो दोनों तरफ के गेट पर लगे हुए होंगे। शेष को बीच में लगाया जाएगा।
चैन्नई में तैयार हुए विशेष कोच रेलवे अधिकारियों के अनुसार चैन्नई स्थित इंटिग्रल कोच फेक्ट्री में इस प्रकार के विशेष कोच तैयार किए गए है। इनमे लगे कैमरे चेहरों की पहचान आसानी से करेगा। इतना ही नहीं, जब डिब्बों में अंध्ेारा होगा, तब भी ये कैमरे काम करेंगे। बड़ी बात ये है कि चलती ट्रेन में जब लगाता कंपन होता है, तब भी ये बेहतर वीडियो रिकार्ड कर पाएंगे। वर्ष 2014 से 17 तक के रिकार्ड को देखे तो राजधानी व इस स्तर की ट्रेन में अनेक बार मंडल में चोरियों की घटना हुई है। एेसे में यात्रियों को इस निर्णय से बड़ा लाभ ही होगा।
सुरक्षा के लिए बड़ा निर्णय रेलवे लगातार यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर है। इसके चलते ये निर्णय लिया गया है। इससे मंडल के अधिकारियों को भी बड़ा लाभ होगा। – जेके जयंत, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल