ऐसी है मान्यता, मन्नत होती पूरी
ऐसी मान्यता है कि मां कंवलका के नीचे भैंसासरी माता का मंदिर है। जहां पर धर्मालु मान्यतानुसार सिक्का चिपकाता है, अगर सिक्का चिपक जाता है तो माना जाता है कि मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाएगी। माता के होठो पर मदिरा का भरा हुआ प्याला लगाते ही मदिरा गायब हो जाती है। इसके बाद बची हुई मदिरा को प्रसाद के रूप में भक्तों की वितरण की जाती है। मंदिर के पीछे कई किवंदतियां है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर पांडव कॉल में अज्ञातवास के दौरान बनाया गया था,
ऐसी मान्यता है कि मां कंवलका के नीचे भैंसासरी माता का मंदिर है। जहां पर धर्मालु मान्यतानुसार सिक्का चिपकाता है, अगर सिक्का चिपक जाता है तो माना जाता है कि मांगी हुई मन्नत पूरी हो जाएगी। माता के होठो पर मदिरा का भरा हुआ प्याला लगाते ही मदिरा गायब हो जाती है। इसके बाद बची हुई मदिरा को प्रसाद के रूप में भक्तों की वितरण की जाती है। मंदिर के पीछे कई किवंदतियां है। ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर पांडव कॉल में अज्ञातवास के दौरान बनाया गया था,
गर्भगृह में कालभैरव-मां काली-शिव विराजमान
मंदिर की पहाड़ी पर गुफा है, जिसमें कालभैरव विराजमान है। इसके बाद गर्भगृह में शिवलिंग, कालभैरव और मां कालिका की प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। पहाड़ी पर लालबाई फूलबाई का मंदिर है। हरियाली अमास्या पर यहां हर वर्ष मेला लगता है। इसके अलाव शारदीय और चैत्र नवरात्र के दौरान हजारों भक्त मंदिर पहुंचते हैं।
मंदिर की पहाड़ी पर गुफा है, जिसमें कालभैरव विराजमान है। इसके बाद गर्भगृह में शिवलिंग, कालभैरव और मां कालिका की प्राचीन प्रतिमा विराजमान है। पहाड़ी पर लालबाई फूलबाई का मंदिर है। हरियाली अमास्या पर यहां हर वर्ष मेला लगता है। इसके अलाव शारदीय और चैत्र नवरात्र के दौरान हजारों भक्त मंदिर पहुंचते हैं।