कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय के विभिन्न कक्षों में बेतरतीब तथा अनावश्यक फर्नीचर को हटाने के निर्देश दिए। चिकित्सालय में बिस्तरों पर मैट्रेस कवर लगाए जाएंगे, कई स्थानों पर पेंट करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बाल चिकित्सालय में भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जाएगा। बाल चिकित्सालय में कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा व्यक्तिगत रूचि लेते हुए आमूलचूल रूप से विकास कार्य करवाए जाकर नया स्वरूप दिया गया है। प्लान के मुताबिक चिकित्सालय के कार्यों को शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण कराने के लिए कलेक्टर द्वारा डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन को तैनात किया गया जिनके द्वारा कार्यों की सतत मॉनिटरिंग की गई। बाल चिकित्सालय में पूरा ड्रेनेज सिस्टम नए सिरे से निर्मित किया गया है। पहले जहां मात्र 10 बेड ऑक्सीजन के थे वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 63 कर दी गई है। ऑक्सीजन के लिए सेंट्रल लाइन बिछाई गई है, छतों पर वाटर प्रूफिंग की गई है तथा नए बेड मुहैया कराए गए।
पेवर ब्लॉक लगाए गए बाल चिकित्सालय के गार्डन में पेवर ब्लॉक लगाए गए हैं। आईसीयू कक्ष में टाइल्स लगाई गई, डॉक्टर के रूम में भी टाइल्स लगाई गई। चारों ओर मच्छर जालिया भी लगाई गई। कुछ विंडो खराब हो गई थी उनके स्थान पर नई एल्युमिनियम विंडो बनाई गई। चिकित्सालय परिसर में फ्लोर पर भी कार्य किया गया जिसके तहत कोटा स्टोन स्क्रेपिंग की गई, नए चैनल गेट्स लगाए गए हैं। ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर नए शेड वर्क किए गए, पूरे भवन में नए सिरे से इलेक्ट्रिफिकेशन किया गया है। सेनेटरी और प्लंबिंग वर्क भी पूरे भवन में कराया गया। आवश्यकता अनुसार कारपेंटिंग वर्क भी किया गया। चिकित्सालय के आउट साइड में एलिवेशन कार्य के साथ बाहरी गेट पर पेंटिंग तथा नई स्टील विंडो बनाई गई है। दीवारों पर टाइल्स लगाई गई हैं। आउटसाइड पेवर ब्लॉक, गार्डन रिचार्ज पीट, मेडिकल शेड वर्क, स्लैब, रिपेयरिंग वर्क जैसे कई कार्य चिकित्सालय परिसर में किए गए हैं। कलेक्टर के निर्देश पर नगर निगम द्वारा करवाए गए उक्त कार्यों से बाल चिकित्सालय भवन अब सर्व सुविधायुक्त, सुदृढ़ रूप तथा आकर्षक स्वरूप में अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हो गया है। चिकित्सालय में पेंटिंग कार्य जनसहयोग से कराया गया है।