must read : पीएम मोदी भी मानते है इस मंदिर की महिमा, आप भी करें LIVE दर्शन Dharma Karma जब देवी को खाने आया था शेर, फिर हुआ यह… पुष्प वर्षा होगी आराधिकाओं पर
बता दे कि करीब 400 वर्ष पूर्व मां कालिका माता मंदिर की स्थापना हुई थी। रतलाम शहर के हृदय में बसी मां कालिका मंदिर के पट नवरात्रि में सुबह 4 बजे खुलते हैं। पट खुलने के साथ ही शक्ति की आराणना का दौर शुरू हो जाता है। गरबा खेल कर मां की आराधना करना शुरू कर देती हैं। इस साल कालिका माता के दरबार में गरबा खेलने के लिए 2200 से अधिक बालिकाओं, महिलाओं व युवतियों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का सिलसिला मंदिर में रात तक चला। मंदिर में गरबा गीत गाने के लिए इस साल गुजरात से पार्टी आएगी। अष्टमी के दिन आराधिकाओं पर पुष्प वर्षा होगी।
must read : नवरात्रि 2019 घट स्थापना का मुहूर्त नवरात्रि 2019 : इसलिए देवी को कहते है दुर्गा, यहां पढे़ं पूरी कहानी लालटेन में होते थे गरबे 66 सालों से ट्रस्ट के साथ जुडे़ अध्यक्ष राजाराम मोतियानी ने बताया कि 1948 से मां के दरबार में गरबे होते आ रहे हैं। आजादी मिले एक वर्ष ही हुआ था। तब उस दौरान बिजली नहीं होती थी। आराधिकाएं घर से लालटेन लेकर आती थी। लालटेन के साथ गरबे खेलकर मां की आराधना होती थी। अब अंतर सिर्फ इतना है कि गरबा पांडाल में भव्यता आ गई है। रंग, गुलाल, फूलों के साथ भी गरबा होता है, लेकिन लालटेन से जो दौर शुरू हुआ वो अब तक निरंतर जारी है।