इस जिले में हर माह हजार लोगों काट रहे कुत्ते, इलाज का इंतजार
हर माह डॉग बाइट के बढ़ रहे मरीज, केवल सुबह व शाम को ही लगते हैं इंजेक्शन
इस जिले में हर माह हजार लोगों काट रहे कुत्ते, इलाज का इंतजार
रतलाम। शहर में डॉग बाइट याने की श्वान के काटने के बाद जिला अस्पताल में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों की संख्या में हर माह वृद्धि होती जा रही है। जनवरी से 6 मई तक 126 दिन में5035 मरीज जिला अस्पताल पहुंचे हैं। इस अनुसार हर दिन अस्पताल में औसतन 40 मरीज डॉग बाइट के पहुंच रहे हैं। इसमें इलाज के दौरान समस्या तब आती है जब दोपहर में कोई डॉग बाइट का इंजेक्शन लगाने वाले ही नहीं मिलते। असल में इनकी ड्यूटी सुबह 8 बजे से 1 बजे तक व शाम को 5 बजे से 6 बजे तक ही रहती है। एेसे में अगर आपको रात ९ बजे डॉग काटे तो इलाज के लिए अगले दिन की सुबह 8 बजे का इंतजार करें या फिर निजी अस्पताल में जाने की मजबूरी है।
शहर में श्वान की संख्या बढ़ती जा रही है। इसको लेकर अनेक बार नगर निगम से मांग की गई, लेकिन जीवदया समिति से लेकर अन्य संस्थाए इनको बचाने आगे आ गई। इन सब के बीच शहर में प्रतिदिन डॉग बाइट के मरीज बढ़ते जा रहे हैं। अब हालात ये हो गई है कि हर मोहल्ले में 30 से 40 श्वान है जो तेज गति की बाइक से लेकर बाहर खेलते बच्चों को अपना निशाना बनाते हैं। इसके लिए अब तक नगर निगम ने कोई योजना नहीं बनाई है। अब स्थिति ये है कि अस्पताल में सुबह से इसके शिकार पहुंचते हैं व इलाज के लिए लंबी-लंबी लाइन लगती है।
ये है असल परेशानी
अस्पताल में असल बड़ी परेशानी ये है की शाम को ६ बजे बाद श्वान काटे तो इंजेक्शन नहीं लगते। गुडि़या तो श्वान ने काटा तो अस्पताल गए, लेकिन अगले दिन आने को कहा गया। निजी अस्पताल में जाने की मजबूरी है।
– कन्हैयालाल धाकड़, सागोद रोड
इंतजार करना पड़ता है
अस्पताल में इतनी भीड़ रहती है की पहले तो पर्ची बनाने के लिए लाइन में लगो, फिर इंजेक्शन लगाने की लंबी लाइन रहती है। इसके लिए अलग से ही एक विभाग होना चाहिए जो रोस्टर अनुसार 24 घंटे सेवा दे। क्योकि श्वान घड़ी देखकर नहीं काटता है।
– प्रसन्नजीतसिंह सिसौदिया, पैलेस रोड
स्टाफ की कमी बड़ी समस्या
हमारे पास स्टाफ की कमी है, इसलिए सतत यह सेवा उपलब्ध नहीं की जा सकती किंतु अगर कोई आता है तो हमारा प्रयास रहता है कि उसे इंजेक्शन की सुविधा मिल जाए।
– डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन
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