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रतलाम

अश्लील हरकत पर आरोपी को एक वर्ष का सश्रम कारावास

अश्लील हरकत पर आरोपी को एक वर्ष का सश्रम कारावास

रतलामNov 20, 2019 / 05:12 pm

Chandraprakash Sharma

Convicted of murder for life

Convicted of murder for life

रतलाम। महिला से अश्लील हरकत करने वाले आरोपी को न्यायालय ने एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। एक अन्य धारा में आरोपी को पांच सौ रुपए अर्थदंड से भी दंडित किया गया है।
अभियोजन सहायक मीडिया सेल प्रभारी कृष्णकांत चौहान ने बताया कि घटना 10 जून २012 की है। फरियादी अपने घर के बाहर अन्य महिलाओं के साथ बैठी थी। जब वह अपने घर के पीछे बाथरूम करके वापस आई तो उसके जेठ ने उसके बाल पकड कर बुरी नियत से उसे घर में ले जाने लगा। उसने विरोध किया तो आरोपी ने उसके सिर और मुंह पर घुसा मारा जिससे उसके दांतो से खून निकलने लगा। जब वह बाहर भागने लगी तो आरोपी उसके पीछे दघ़्ाा और उसके साथ बुरी नियत से छेड़छाड़ की। फरियादी चिल्लाई तो राकेश यादव व कुलदीप यादव ने बीच बचाव किया था। बीच-बचाव के दौरान फरियादी ने आरोपी के अंगूठे को काट लिया जिस पर आरोपी फरियादी को जान से मारने की धमकी देकर चला गया। फरियादी ने थाना औद्योगिक क्षेत्र पुलिस थाने में रिपोर्ट लिखाई थी। 15 अक्टूबर 2015 को आरोपी को गिरफ्तार कर 19 अक्टूबर 2015 को अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। न्यायिक मजिस्ट्रेट पल्लवी ने विचारण उपरांत आरोपी रामस्वरूप पिता तुलसी राम टटावत 52 वर्ष निवासी जवाहर नगर रतलाम को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 354 में 1 वर्ष का सश्रम कारावास व 250 रु. अर्थदंड व धारा 323 में 500रू अर्थदंड से दंंिडत किया गया।
चेक अनादरण पर एक साल का कारावास व एक लाख जुर्माना
नीमच। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में चेक अनादरण के आरोपी गिरजाशंकर परिहार को एक वर्ष के कारावास तथा एक लाख रुपए जुर्माना की सजा सुनाई है। अभिभाषक सुरेंद्र पटवा ने बताया कि गिरजाशंकर परिहार बगीचा नंबर 10 सिटी रोड नीमच ने जिला सहकारी बैंक की नीमच सिटी शाखा से लघु व्यवसाय हेतु 25000 रुपए का ऋण लिया था जिसे समय पर नहीं चुकाए जाने पर बैंक द्वारा वसूली के प्रयास किए गए। इस पर गिरजाशंकर परिहार ने बैंक में उपस्थित होकर हिसाब समझा और बकाया राशि 56715 रुपए का चेक बैंक को दिया था। बैंक द्वारा चेक लगाने पर अनादरित हो गया। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक द्वारा न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीमच के समक्ष प्रकरण दायर किया। साक्षियों के कथन के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी नीमच एमए देहलवी ने आरोपी को चेक अनादरण के अपराध में उक्त सजा सुनाई। बैंक की ओर से अधिवक्ता सुरेन्द्र पटवा ने पैरवी की।
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