डीआईजी सिकरवार ने बताया कि घटना के बाद से बीते दस वर्ष से रतलाम, इंदौर व उज्जैन जिले में सक्रिय आपराधिक जनजाति के लोगों की तलाश की जा रही है। वहीं संदिग्धों को पकड़ उनसे भी पूछताछ चल रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस जानकारी पुलिस के हाथ नहीं लग सकी है। घायलों ने जो बताया है अब उसके आधार पर भी जांच को आगे बढ़ाया जाएगा। पुलिस का दावा है कि वह जल्द ही अपराधियों को ढूंढ निकालेगी और उनसे हथियार भी जब्त कर लेगी।
रतलाम से लक्ष्मीबाई नगर तक चल रहे रेलवे के ट्रेक पर विद्युतीकरण के कार्य के दौरान दो बार बदमाश बिजली के तार काट कर चुरा ले गए है। वहीं अन्य सामान भी चोरी हो चुका है, जिसके चलते रेलवे ने ट्रेक पर काम चलने तक रात्रि गश्त के लिए सुरक्षाकर्मियों को पेट्रोलिंग पर लगाया है, जिससे की बदमाश इस तरह की वारदातों को अंजाम न दे सके, लेकिन उसके बाद भी बदमाशों ने इस तरह की वारदात को अंजाम दे दिया।
जारी है जांच
– घायल सुरक्षाकर्मियों के बयान लिए गए है। आपराधिक जनजाति के जो लोगों ने वारदात की है। संभवत: भेड़ या तार चोरी के लिए आए थे बदमाश, लेकिन सामना आरपीएफ के गश्ती दल से हो गया था। पकड़े गए उनके एक साथी को छुड़ाने के लिए उन्होने सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया था। सुरक्षाकर्मी रायफल से अटैक न कर दे, इस डर से वह एके-४७ लेकर भागे होंगे, सर्चिंग जारी है।
डॉ. रमनसिंह सिकरवार डीआईजी, उज्जैन