पुलिस बालिका गृह में दिन व रात के समय कौन लोग आते थे इनकी पहचान बालिकाओं को फोटो दिखाकर करेगी। यदि इसमें किसी की पहचान होती है तो उसकी भूमिका की जांच कर उसे भी आरोपी बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त यदि कोई बालिका एससी-एसटी वर्ग की होगी तो उनके साथ हुई घटना को लेकर आरोपियों पर एट्रोसिटी एक्ट की धाराएं भी बढ़ाई जाएगी। पुलिस ने जांच के दौरान पूरे मामले की वीडियोग्राफी भी करवाई है।
पुलिस कार्रवाई के दौरान आरोपियों का रिमांड न लेकर उन्हे गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले में नेता प्रतिपक्ष यास्मीन शैरानी ने नाराजगी जताई। शैरानी सहित कांग्रेसी नेता शाम को एसपी कार्यालय पहुंचे। यहां उनके द्वारा एसपी को मांग पत्र सौंपा गया, जिसमें बताया कि जावरा पुलिस व शासकीय अभिभाषकों द्वारा आरोपियों का रिमांड न मांगना संदेहास्पद है। यदि पुलिस इनका रिमांड लेती तो कई नामदार पुलिस गिरफ्त में होते। एसपी ने बताया कि अभी साक्ष्य जुटाए जा रहे है, हर पहलु की जांच की जा रही है। फिलहाल आरोपियों को पकडऩे के बाद २४ घंटे में हर साक्ष्य जुटा लिए गए थे इस कारण से उनका रिमांड नहीं लिया, लेकिन जरुरत पड़ी तो इनका फिर से रिमांड लिया जा सकता है।
बालिका गृह की घटना उजागर होने के बाद एडीएम जितेंद्र सिंह चौहान ने जिले के सभी कन्या छात्रावासों का निरीक्षण करने के निर्देश जारी किए हैं। निरीक्षण के लिए उनके द्वारा महिला अधिकारियों की टीम गठित की गई है। रतलाम शहर व रतलाम ग्रामीण अनुभाग क्षेत्र के कन्या छात्रावासों के लिए दल गठित किए जा चुके हैं। जिले के अन्य अनुभाग क्षेत्रों में संबंधित एसडीएम को अपने स्तर पर महिला अधिकारियों व कर्मचारियों के दल गठन कर निरीक्षण करने के निर्देश दिए है।