वाट्सएप पर तस्वीर से होता है नियंत्रण वन मंडलाधिकारी फुलझले के अनुसार अपनी-अपनी बीट या क्षेत्र में कर्मचारी या अधिकारी का होना ड्यूटी में शामिल है। यदि वे ड्यूटी पर नहीं है तो इसकी पकड़ के लिए यह तरीका अपनाया है। फिल्ड में कोई अधिकारी या कर्मचारी गया है और वहां कुछ वर्क किया है तो उसे अपनी वहीं से खींची हुई फोटो हाथों हाथ वाट्सएप पर वन विभाग के बनाए गए ग्रुप में भेजना होगी। इससे पूरे ग्रुप में पता चलेगा कि कौन कहां है। यही नहीं दूसरे लोगों को भी इससे प्रेरणा मिलेगी।
कुछ कर्मचारियों की वजह से किया वन मंडलाधिकारी बताते हैं कि विभाग का ज्यादातर अमला मैदान में ही होता है किंतु कुछ कर्मचारियों की वजह से गलत संदेश जाता है। इसलिए इस तरह का तरीका अपनाया जिससे मैदान में कर्मचारी पहुंचे और पौधों की देखभाल की अपनी जिम्मेदारी समझ सके। उनकी वास्तविक जिम्मेदारी भी यही है कि वे फिल्ड में रहे ताकि वनों को कतिपय लोगों द्वारा किए जा रहे नुकसान को रोका जा सके। बरसात में तो यह कारगर होगा ही गर्मी के दिनों में भी इस तरह का प्रयोग कारगर होगा।
———— सभी से अच्छा रिस्पांस मिला वाट्सएप ग्रुप बनाकर सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को इसमें शामिल किया गया है। जो भी फिल्ड में होता है वह वहां से अपनी फोटो इस ग्रुप में भेजता है जिससे यह पता चल जाता है कि कौन कहां और किस फिल्ड में है। इसके काफी सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
प्रफुल्ल फुलझले, वन मंडलाधिकारी, रतलाम