कांग्रेस नहीं आई आगे निगम एक्ट के अनुसार साधारण सम्मेलन आहुत करने के लिए एक तिहाई पार्षदों के हस्ताक्षर वाला पत्र निगम अध्यक्ष को मिले तो सम्मेलन की तारीख तय हो सकती है। रतलाम नगर निगम में मौजूदा ४९ पार्षदों के हिसाब से १७ पार्षदों की सहमति जरूरी है। नगर निगम में कांग्रेस के पास इतने पार्षद ही नहीं है कि वह साधारण सम्मेलन के लिए भी १७ पार्षद जुटा सके। दीगर बात यह है कि कांग्रेस को निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन प्राप्त है किंतु कुछ पार्षद भाजपा समर्थित भी है जिससे कांग्रेस के सामने संकट यह है कि वह चाहकर भी साधारण सम्मेलन के लिए जादुई आंकड़ा नहीं जुटा सकती है। इस पर भी अहम बात यह है कि नगर निगम में कांग्रेस के जितने पार्षद हैं वे भी गुटों में बंटे हुए हैं। इसलिए सभी एक साथ नहीं हो सकते हैं।
भाजपा पार्षदों में भी चिंता भाजपा पार्षदों में साधारण और बजट सम्मेलन नहीं होने को लेकर काफी चिंता है किंतु सत्ताधारी पार्टी से जुड़े होने से वे खुलकर सामने नहीं आ पा रहे हैं। पार्षदों में से कुछ ने जागरुकता दिखाई और एक-दूसरे से संपर्क करके सभी ३० पार्षदो को तैयार करके सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए। सूत्र बताते हैं कि पार्षदों से सम्मेलन बुलाने के लिए जो सहमति पत्र तैयार करके हस्ताक्षर करवाए जा रहे हैं उसका नेतृत्व कोई नहीं कर रहा है। पार्षद अपने-अपने स्तर पर जिन दूसरे पार्षदों से अच्छे संबंध हैं उनके माध्यम से पहुंच रहे हैं।