scriptतरुण अवतरण महोत्सव: पढ़ें क्या कहते है पुष्पगिरी तीर्थ के क्षुल्लक पर्वसागर | Tarun Avatran Mahotsav: Read what is said, the eclipse of the Pushpagi | Patrika News
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तरुण अवतरण महोत्सव: पढ़ें क्या कहते है पुष्पगिरी तीर्थ के क्षुल्लक पर्वसागर

पुष्पगिरी तीर्थ पर क्षुल्लक पर्वसागर ने सुनाया अपने गुरु का दृष्टांत

रतलामJun 03, 2020 / 06:55 pm

sachin trivedi

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सोनकच्छ.(देवास). कड़वे प्रवचनों के लिए विख्यात समाधिस्थ जैन आचार्य तरुणसागर के 53वें तरुण अवतरण महोत्सव (जन्म जयंती) के तरुण जीवन संवाद कार्यक्रम में उनके एकमात्र शिष्य क्षुल्लक पर्वसागर ने बुधवार को बताया कि तरुणसागरजी के संन्यास लेने का मुख्य कारण था आत्मा को परमात्मा बनाना। यह प्रेरणा उन्हें गणाचार्य पुष्पदंत सागर के प्रवचनों से मिली। बात 1982 की है जब बालक पवन (तरुणसागरजी) कक्षा 6 में थे और अपने स्कूल से घर जाते समय एक होटल पर जलेबी खा रहे थे। पास ही के जैन मंदिर में पुष्पदंत सागर के प्रवचन चल रहे थे। ये प्रवचन पवन के कानों में पड़े और वह बालक पवन ने पवन का जीवन छोड़ तरुण सागर बन भगवान बनने की राह पर निकल पड़े। कड़वे-प्रवचन देने वाले तरुणसागरजी को बचपन में जलेबी अति प्रिय थी।
संवाद से पहले पूछा सवाल
सोशल मीडिया के माध्यम से तरुण संवाद के तीसरे दिन संवाद कार्यक्रम में सम्मिलित होने वाले देश दुनिया के भक्तों से पर्वसागर द्वारा तीसरा सवाल किया गया जिसमें पूछा की तरुण सागर के संन्यास लेने का मुख्य कारण क्या था व संन्यास से पूर्व उनके हाथ में कौनसा खाद्य पदार्थ था। इस प्रकार प्रश्न के बाद संपूर्ण जीवन घटनाक्रम का दृष्टांत संवाद अंतर्गत सुनाया। बुधवार रात बूंदी (राजस्थान) गुरु परिवार ने गुरु आरती की।
पत्रिका फेसबुक पेज पर लाइव आरती
प्रतिदिन रात 8 बजे ऑनलाइन आरती हो रही है। पत्रिका के फेसबुक पेज पत्रिका देवास पर इस लाइव आरती को देखा जा सकता है।

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