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मध्यप्रदेश के सीएम ने आदिवासियों के लिए दी सौगात, इस जिले की कलेक्टर ने सुना दिया ये बड़ा फरमान

अब कांग्रेस के विधायक और जयस के बड़े नेता सीएम को लिखेंगे पत्र

रतलामAug 11, 2019 / 06:16 pm

sachin trivedi

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रतलाम. जिला सडक़ सुरक्षा उपसमिति की बैठक में शनिवार को कलेक्टर रुचिका चौहान के एक फैसले पर जय आदिवासी शक्ति संगठन नाराज हो गया है। कलेक्टर ने बैठक के दौरान अलकापुरी वाले मजदूर चौराहा व दो बत्ती मजदूर चौराहा को स्थानांतरित करने के लिए कहा है। इनको क्रमश: आंबेडकर मैदान और विधायक सभागार बरबड़ भेजा जाएगा। अलकापुरी चौराहा पर मजदूरों को लेकर पहले भी विवाद सामने आ चुका है। हालांकि मामले में अब सुलह हो गई है, लेकिन अब जयस ने आंदोलन की चेतावनी दे दी है। रविवार को मनावर से कांग्रेस विधायक एवं जयस के प्रदेश संरक्षक विधायक हिरालाल अलावा रतलाम आए और अलकापुरी के उद्यान का निरीक्षण किया। साथ ही पूर्व के मामले एवं आदिवासी मजदूरों का स्थल बदलने के मामले में जयस के स्थानीय प्रतिनिधियों से प्रशासन के निर्णय के बारे में जानकारी ली और कहा कि वे सीएम को एक पत्र लिख अवगत कराएंगे।
आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी

सडक़ सुरक्षा और यातायात की व्यवस्था को लेकर उपसमिति की बैठक के दौरान कलेक्टर रुचिका चौहान ने निर्णय लिया कि शहर के अलकापुरी चौराहा तथा दो बत्ती के मजदूर चौराहा को स्थानांतरित किया जाएगा। अलकापुरी वाला मजदूर चौराहा अब विधायक सभागार बरबड़ और दो बत्ती मजदूर चौराहा आंबेडकर मैदान पर भेजा जाएगा। अलकापुरी मजदूर चौराहा को लेकर कलेक्टर के फैसले पर आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। जयस के प्रतिनिधियों का कहना है कि आदिवासी मजदूर रोजी-रोटी की तलाश में चौराहा पर आते है, कोई भी फैसला करने से पहले उनसे चर्चा की जाना थी, लेकिन सडक़ सुरक्षा उपसमिति की ओर से कोई चर्चा नहीं की गई।
जुलाई माह में हो चुका है विवाद, फिर सुलह
23 जुलाई को भाजपा के पार्षद प्रहलाद पटेल ने पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को अलकापुरी चौराहा के मजदूरों को लेकर एक पत्र दिया था। इस पत्र की भाषा शैली पर जयस और आदिवासी समाज संगठन ने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। आदिवासी समाज संगठन ने तो इस पत्र के बाद 24 जुलाई को भाजपा पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर कलेक्टर को एक ज्ञापन भी दिया था। इसके बाद मामला और गहरा गया था। मालूम हो कि विश्व आदिवासी दिवस पर सीएम कमलनाथ ने आदिवासियों के लिए कई सौगातों की घोषणा की है, लेकिन इस दिवस के एक दिन बाद ही रतलाम की कलेक्टर ने आदिवासी मजदूरों को एक प्रमुख चौराहा से हटाने का फरमान सुना दिया है। अब इस फरमान को लेकर जयस विरोध में आ गया है तो आदिवासी समाज भी नाराजगी जता रहा है।


भाजपा ने थमाया था नोटिस, चर्चा के बाद सुलह
मामले में सोशल मीडिया सहित आदिवासी समाज के विरोध के बाद भाजपा जिलाध्यक्ष राजेन्द्रसिंह लुनिया ने पार्षद पटेल को एक नोटिस जारी किया था। इसके बाद पटेल ने अलकापुरी उद्यान में आदिवासी समाज संगठन के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा की थी। चर्चा के बाद दोनों ही पक्षों में सुलह हुई और उद्यान विकास में भागीदार की बात कही गई थी।

ये कैसा फैसला
सडक़ सुरक्षा समिति के फैसले के बारे में किसी स्तर से जानकारी नहीं मिली है, आदिवासी समाज संगठन के प्रतिनिधियों से इस पर कोई चर्चा भी नहीं की गई। आदिवासी मजदूरों के हित में हम आवाज उठाएंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन का सहारा लेंगे।
– डॉ. अभय ओहरी, जिलाध्यक्ष जयस रतलाम

चौराहा हटाने की बात नहीं हुई
अलकापुरी उद्यान में आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों और पार्षद तथा हमारे बीच चौराहा के मजदूरों को हटाने जैसे कोई बात नहीं हुई थी। बैठक में पार्षद ने अपनी बात रखी थी। – राकेश मिश्रा, भाजपा पदाधिकारी रतलाम

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