लोडिंग चालक ने देखा सबसे पहले
प्लास्टिक फैक्टरी में प्लास्टिक रिसाइकिल होता है और यहां से माल दूसरी जगह भेजा जाता है। कीर्ति प्लास्टिक से लोडिंग आटो से माल दूसरी जगह भेजने और लाने का काम भी होता है। इन्हीं में एक लोडिंग चालक सुभाषसिंह भदौरिया कल भी यहां से माल लेकर गया था और इसकी राशि मालिक कीर्ति जैन से लेने के लिए शाम करीब 4.55 बजे फैक्टरी पहुंचा। वह फैक्टरी के अंदर गया और पीछे के हिस्से में कीर्ति के होने की जानकारी होने पर वहां पहुंचा और दूर से ही उसे कीर्ति के झूले पर फंदा बनाकर लटका हुआ मिलने से उसके हाथ पैर फुल गए और वह उलटे पैर लौट गया। फैक्टरी के चौकीदार को बताकर पुलिस को सूचना दी। भदौरिया ने बताया कि वह आमतौर पर सीधे अंदर तक आ जाता था और वह आज भी ऐसे ही अंदर पहुंचा किंतु वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए थे।
प्लास्टिक फैक्टरी में प्लास्टिक रिसाइकिल होता है और यहां से माल दूसरी जगह भेजा जाता है। कीर्ति प्लास्टिक से लोडिंग आटो से माल दूसरी जगह भेजने और लाने का काम भी होता है। इन्हीं में एक लोडिंग चालक सुभाषसिंह भदौरिया कल भी यहां से माल लेकर गया था और इसकी राशि मालिक कीर्ति जैन से लेने के लिए शाम करीब 4.55 बजे फैक्टरी पहुंचा। वह फैक्टरी के अंदर गया और पीछे के हिस्से में कीर्ति के होने की जानकारी होने पर वहां पहुंचा और दूर से ही उसे कीर्ति के झूले पर फंदा बनाकर लटका हुआ मिलने से उसके हाथ पैर फुल गए और वह उलटे पैर लौट गया। फैक्टरी के चौकीदार को बताकर पुलिस को सूचना दी। भदौरिया ने बताया कि वह आमतौर पर सीधे अंदर तक आ जाता था और वह आज भी ऐसे ही अंदर पहुंचा किंतु वहां का नजारा देखकर उसके होश उड़ गए थे।
चार भाइयों में सबसे छोटा था कीर्ति
कोमलनगर निवासी कीर्ति जैन की इंडस्ट्रीयल एरिया में प्लास्टिक को रिसाइकल करने की फैक्टरी है। वह चार भाइयों में सबसे छोटा था और मां उसके साथ ही रहती थी। बड़े बाई दिनेश ने बताया उनकी भी दिलीपनगर में प्लास्टिक की फैक्टरी है और यह कीर्ति भी अपनी फैक्टरी अलग चलाता है। दो अन्य भाई नवीन और पंकज अपने-अपने बिजनेस करते हैं। कुछ समय से इसका इसकी पत्नी तृप्ति के साथ विवाद भी चल रहा था और करीब डेढ़ माह से अलग ही रह रही थी। इनकी एक बेटी है। इनका विवाद पैसों को लेकर ही था। पत्नी का कहना था कि फैक्टरी बेचकर उसे राशि दो। इसके साथ ही उस पर कुछ कर्ज भी था। कीर्ति के भानेज शिरीष ने बताया करीब 15 दिन से फैक्टरी की लाइट कटी हुई है इसलिए कीर्ति और उनकी मां यहीं पर सोते हैं।
कोमलनगर निवासी कीर्ति जैन की इंडस्ट्रीयल एरिया में प्लास्टिक को रिसाइकल करने की फैक्टरी है। वह चार भाइयों में सबसे छोटा था और मां उसके साथ ही रहती थी। बड़े बाई दिनेश ने बताया उनकी भी दिलीपनगर में प्लास्टिक की फैक्टरी है और यह कीर्ति भी अपनी फैक्टरी अलग चलाता है। दो अन्य भाई नवीन और पंकज अपने-अपने बिजनेस करते हैं। कुछ समय से इसका इसकी पत्नी तृप्ति के साथ विवाद भी चल रहा था और करीब डेढ़ माह से अलग ही रह रही थी। इनकी एक बेटी है। इनका विवाद पैसों को लेकर ही था। पत्नी का कहना था कि फैक्टरी बेचकर उसे राशि दो। इसके साथ ही उस पर कुछ कर्ज भी था। कीर्ति के भानेज शिरीष ने बताया करीब 15 दिन से फैक्टरी की लाइट कटी हुई है इसलिए कीर्ति और उनकी मां यहीं पर सोते हैं।
एक दिन पहले ही कह रहा था आत्महत्या का
सैलाना यार्ड निवासी शहाबु²ीन पिता अब्दुल रहमान ने बताया कि कीर्ति की चार पहिया गाड़ी उसके यहीं पर सुधरने के लिए रखी हुई है। गाड़ी को सुधारने के लिए वह कई बार बोल चुका है। बुधवार को भी उससे मिला तो कह रहा था कि गाड़ी जल्द सुधार दो तो मैंने उसे कहा कि राशि तो दो तो काम करवाएं। इसी दौरान कीर्ति ने कहा था कि मैं बहुत परेशान हो चुका हूं और आत्महत्या कर लूंगा। शहाबु²ीन ने बताया कि उसने मजाक में कहा या गंभीरता से लेकिन मैंने उससे कहा था कि ऐसा कुछ नहीं करना, ऊंचा-नीचा सब चलता रहता है। मुझे यह पता नहीं था कि वह ऐसा कर लेगा। गाड़ी सुधारने की राशि लेने के लिए आज मैं पांच बजे फैक्टरी पहुंचा तो पता चला कि कीर्ति ने आत्महत्या कर ली तो मैं भी सन्न रह गया।
सैलाना यार्ड निवासी शहाबु²ीन पिता अब्दुल रहमान ने बताया कि कीर्ति की चार पहिया गाड़ी उसके यहीं पर सुधरने के लिए रखी हुई है। गाड़ी को सुधारने के लिए वह कई बार बोल चुका है। बुधवार को भी उससे मिला तो कह रहा था कि गाड़ी जल्द सुधार दो तो मैंने उसे कहा कि राशि तो दो तो काम करवाएं। इसी दौरान कीर्ति ने कहा था कि मैं बहुत परेशान हो चुका हूं और आत्महत्या कर लूंगा। शहाबु²ीन ने बताया कि उसने मजाक में कहा या गंभीरता से लेकिन मैंने उससे कहा था कि ऐसा कुछ नहीं करना, ऊंचा-नीचा सब चलता रहता है। मुझे यह पता नहीं था कि वह ऐसा कर लेगा। गाड़ी सुधारने की राशि लेने के लिए आज मैं पांच बजे फैक्टरी पहुंचा तो पता चला कि कीर्ति ने आत्महत्या कर ली तो मैं भी सन्न रह गया।