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ट्रैक नहीं था फ्रैक्चर, वीरभूमि ट्रेन दुर्घटना का मामला

जांच में निष्कर्ष,दो दर्जन कर्मचारियों से पूछताछ

रतलामDec 07, 2017 / 01:06 pm

harinath dwivedi

rail accident
रतलाम. मंडल के उज्जैन रेलवे स्टेशन के सी-केबीन के करीब वीरभूमि एक्सपे्रस ट्रेन के इंजन के पहिये उतरने के मामले की जांच करने पश्चिम रेलवे के अधिकारियों का दल मंडल पहुंचा। दल के सदस्यों ने सुबह दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद दिनभर मंडल मुख्यालय के एेनेक्सी हॉल में कर्मचारियों से पूछताछ की। इस दौरान करीब दो दर्जन कर्मचारियों से पूछताछ की गई। जांच में जो निष्कर्ष निकला है, उसके अनुसार सर्दी की वजह से ट्रैक फ्रेक्चर नहीं हुआ था, हालाकि इस का जवाब किसी के पास नहंी है कि फिर पटरी टूटी किस तरह।
३ दिसंबर की सुबह करीब ८.३४ बजे नागदा से उज्जैन जाते समय चित्तौडग़ढ़-इंदौर वीरभूमि एक्सपे्रस ट्रेन के इंजन के दो पहिये पटरी से उतर गए थे, हालांकि इस दुर्घटना में कोई यात्री हताहत नहीं हुआ था, लेकिन इसके चलते उज्जैन-देवास-इंदौर रेल यातायात घंटों बंद रहा था। एेसे में दुर्घटना की दोपहर को ही मामले की जांच वरिष्ठ अधिकारियों से कराने का निर्णय ले लिया गया था।
पटरी टूटी किस तरह

पश्चिम रेलवे के मुख्य संरक्षा मैनेजर मनोज शर्मा, सुरक्षा विभाग, परिचालन व ट्रैक विभाग सहित पश्चिम रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों का दल उज्जैन पहुंचा। यहां सुबह दुर्घटना स्थल को देखा। इस दौरान सर्दी की वजह से रेल फ्रैक्चर हुआ या कोई साजिश के तहत हुआ, इसकी गहनता से जांच की गई। इस दौरान ट्रैक को गंभीरता से देखा गया। आरपीएफ के सहायक मुख्य आयुक्त ने दुर्घटना स्थल का काफी बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होने ये विशेष रुप से देखा की इस दुर्घटना में किसी प्रकार का शरारती या देशद्रोही लोगों का हाथ तो नहीं है। जांच में जो प्रथम दृष्टया सामने आया है, उसके अनुसार पटरी की टूट रेल फे्रक्चर नहीं है। एेसे में अब इस बात की जांच होगी की पटरी टूटी किस तरह से है।
दिन में हुई पूछताछ

बाद में दल मंडल मुख्यालय के एेनेक्सी हॉल में पहुंचा। यहां उज्जैन स्टेशन मास्टर, सहायक मास्टर, रेल चालक, सहायक चालक, गार्ड, सिग्नल विभाग के कर्मचारी, रेलपथ निरीक्षक, ट्रैक निरीक्षक, पाइंट्समैन, गैंगमैन सहित करीब दो दर्जन कर्मचारियों से पुछताछ की गई। इस पुछताछ में इस बात पर विशेष ध्यान दिया गया की सभी के बयान एक जैसे या उनमे कुछ अंतर है।
अब रिपोर्ट सौपेंगे

इस जांच व बयान के बाद अब दल के सदस्य अपनी रिपोर्ट महाप्रबंधक को सौपेंगे। इसके बाद इस रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड भेजा जाएगा। अगर बोर्ड या महाप्रबंधक इस रिपोर्ट से संतुष्ठ नहीं होंगे तो अलग से जांच होगी। हालाकि जांच में शामिल एक अधिकारी के अनुसार सर्दी में पटरी का सिकुडऩा व गर्मी में फैलने की घटना होती है। एेसे में इस प्रकार के रेल हादसे होते है। सतर्कता ही इसका बेहतर बचाव होता है। जांच में ये सामने आने के बाद की ये हादसा सर्दी की वजह से पटरी की टूट नहीं है, ने अनेक सवाल अब खडे़ कर दिए है। हालाकि जांच के पूरे होने के बाद ही ये तय होगा की इस दुर्घटना की वजह क्या थी।
पटरी व कोहरे में विशेष सतर्कता रखे


पश्चिम रेलवे के मुख्य बिजली इंजन इंजीनियर वीके त्रिपाठी ने उज्जैन व रतलाम लॉबी में सेफ्टी से जुडे़ विषय पर सेमिनार किया। इस दौरान उन्होने कहा की रेल चलाते समय कोहरे व पटरी का विशेष ध्यान रखे। सतर्कता से ही विशेष रुप से बचाव संभव है।
इंजन चालकों का सेमिनार

असल में त्रिपाठी रतलाम व उज्जैन में वीरभूमि एक्सपे्रस ट्रेन की दुर्घटना मामले की जांच करने आए थे। इस दौरान ही उन्होने इंजन निरीक्षक व इंजन चालकों का सेमिनार भी किया। त्रिपाठी ने इस दौरान कहा की रेलवे के प्रति यात्रियों का सबसे अधिक भरोसा है। एेसे में रेल चालक की ये विशेष जिम्मेदारी है कि वह यात्रियों की यात्रा को सुखद व सुरक्षित बनाने में विश्ेाष योगदान दे।
जांच के बाद तय होगा

मामले की जांच जारी है। इसमे जांच के बाद ही ये तय होगा की ये दुर्घटना का कारण क्या था। जांच पूरी होने के पूर्व कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
जेके जयंत, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल

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