मंगलवार की सुबह से फिर से बच्चों के स्कूल परिसर में एकत्रित होने की सूचना मिलने के बाद अधिकारी दोपहर में फिर से गांव मलवासा पहुंचे। उन्होंने बच्चों को समझाने का प्रयास किया किंतु सफल नहीं हुए और बच्चे अपनी बात पर अड़े रहे। जिला पंचायत सीईओ संदीप केरकट्टा, रतलाम ग्रामीण एसडीएम प्रवीण फुलपगारे और जिला शिक्षा अधिकारी केसी शर्मा काफी समय तक समझाते रहे लेकिन बच्चे टस से मस नहीं हुए। इसी बीच जिला प्रशासन ने नामली पुलिस थाने से कुछ पुलिसकर्मियों को मलवासा बुला लिया। उन्होंने अभिभावकों को स्कूल से बाहर किया और परिसर में नहीं आने की हिदायत भी दी।
बच्चों के आंदोलन में शामिल होने के लिए दोपहर में रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना भी गांव पहुंचे। वे धरने पर बैठे बच्चों के बीच जाकर बैठ गए और उनकी मांग का समर्थन करने लगे। बच्चों के बीच उन्होंने उनकी समस्या भी पूछी। साथ ही उन्हें समझाया कि उनका भविष्य खराब नहीं हो इसलिए वे परीक्षा दें। इसके बाद वे बच्चों के साथ जिला प्रशासन से लेकर वरिष्ठ अधिकारी तक साथ चलने को तैयार है। कुछ अभिभावकों से भी चर्चा की। इस पर आखिर में बच्चे मान गए और फिर विधायक मकवाना ने उन्हें बिस्किट खिलाकर उनकी हड़ताल समाप्त करवाई और बुधवार को परीक्षा देने को राजी किया।
शाम को निलंबित प्राचार्य ने प्रेस कांफे्रंस की
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शासन ने प्राचार्य की गलती नहीं होने के बाद भी उन्हे निलंबित किया है जो गलत है। इसमें न तो प्राचार्य का दोष है और न ही बच्चों का लेकिन शासन ने जो कार्रवाई की है वह ठीक नहीं है। इस तरह कोई इमानदार व्यक्ति कार्य ही नहीं कर पाएगा। जो रजिस्टर बांटे गए थे वह बच्चों के हित में बांटे गए थे और उस पर कोई आपत्तिजनक चीजे नहीं थी।
दिलीप मकवाना, विधायक, रतलाम ग्रामीण
सेवा से बर्खास्त हो प्राचार्य
आरएसएस का एजेंडा चलाने वाले प्राचार्य केरावत को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। बच्चों से करवाए जा रहे प्रदर्शन भी निंदनीय है। स्कूल में बिना सक्षम अनुमति लिए इस तरह की नोटबुक बंटवाना प्राचार्य की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाती है। नोटबुक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की गई है जो घोर आपत्तिजनक है।
हर्षविजय गेहलोत, विधायक, सैलाना