शहर में करीब आधा दर्जन निजी अस्पतालों ने मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से मेडिकल कॉलेज में ज्वाइन होने के बाद से ही संपर्क कर लिया था और अब ये वहां सेवाएं दे रहे हैं। कुछ अस्पताल ऐसे भी हैं जहां संचालक का पूरा परिवार सेवाएं दे रहा है इसलिए उनमें मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को नहीं रखा गया है जबकि आधा दर्जन निजी अस्पतालों में मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर सेवाएं देने पहुंच रहे हैं। यही नहीं निजी क्लीनिकों पर भी अपने बोर्ड लगाकर बकायदा ये डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। बाल चिकित्सालय के सामने ही एक निजी क्लीनिक के लिए मेडिकल कॉलेज के कई डॉक्टरों की नेमप्लेटें लगी हुई हैं।
संभागायुक्त अजीत कुमार ने संभाग का कार्यभार संभालने के बाद पहली बार बुधवार को रतलाम का दौरा किया। उन्होंने जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक तो की साथ ही मेडिकल कॉलेज भी पहुंचकर जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कॉलेज के डीन डॉ. संजय दीक्षित से पूछ लिया कॉलेज का अस्पताल कब शुरू हो रहा है। उपकरणों और फेकल्टी की क्या स्थिति है। हाथ लगे संभागायुक्त ने कहा अस्पताल बाद में शुरू होगा, लेकिन आप यहां ओपीडी तो शुरू कर सकते हैं। इस पर डीन डॉ. दीक्षित ने कहा कि ओपीडी शुरू होने से काम नहीं चल पाएगा। मरीज यहां आएंगे और उनकी जांचे, एक्सरे आदि लिखें तो फिर उन्हें जिला अस्पताल जाना पड़ेगा। इसलिए जब तक यहां लेबोरेटरी नहीं शुरू हो जाती है तब तक ओपीडी शुरू नहीं की जा सकती है। संभागायुक्त कुमार ने कहा जल्द लेबोरेटरी शुरू करो जिससे मरीजों को यहां सुविधा मिल सके।
मेडिकल कॉलेज में पानी की किल्लत होने की बात भी सामने आई। संभागायुक्त ने पूछ लिया कि पानी, सफाई, बिजली की कैसी व्यवस्था है। इस पर डीन ने बताया कि पानी की कमी है। कलेक्टर रुचिका चौहान ने संभागायुक्त को कहा कि कनेरी डेम से दो एमएलडी पानी लाने की योजना तैयार की जा रही है। इसके बाद मेडिकल कॉलेज में पानी की कमी नहीं रहेगी। संभागायुक्त ने मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करते हुए कॉलेज के डीन डॉ. दीक्षित से कॉलेज के संसाधनों, स्टूडेंट संख्या, उपकरणों, हॉस्टल, फैकल्टी इत्यादि जानकारी प्राप्त की। संभागायुक्त ने मेडिकल कॉलेज की ईलाईब्रेरी को अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि ईलाईब्रेरी में सारे इंटरनेशनल जर्नल उपलब्ध रहे। आधुनिक मेडिकल शोध विज्ञान की संपूर्ण जानकारी ईलाईब्रेरी से स्टुडेंट को मिले।
मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को निजी अस्पतालों में सेवाएं देने या प्राइवेट प्रैक्टिस करने के लिए शाम के बाद छूट है किंतु उन्हें हमें सूचना देकर अनुमति लेना होती है। अभी दो डॉक्टरों ने हमें लिखित में आवेदन देकर अनुमति ली है। और कितने डॉक्टर बाहर सेवाएं दे रहे हैं इसकी जानकारी ले रहे हैं।
डॉ. संजय दीक्षित, डीन मेडिकल कॉलेज, रतलाम