वर्षाकाल की आखिरकार 15 अक्टूबर को समाप्ति हो गई, भू-अभिलेख विभाग के अनुसार 15 जून से 15 अक्टूबर तक वर्षाकाल माना गया। इस मान से अगर बारिश के आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो पिछले साल की तुलना और सामान्य औसत वर्षा का आंकड़ा अब भी बराबर नहीं हुआ है। पूरे वर्षाकाल के दौरान जिले की औसत वर्षा 36.4 इंच मानी गई है, आज दिनांक तक 36.3 इंच ही दर्ज हो पाई है। गत वर्ष 38.2 इंच बारिश आज तक हो चुकी थी।
गेहूं का रकबा घटेंगा और चना व सरसो की फसल अधिक लगाए जाने की उम्मीद है। उद्यानिकी फसल लहसुन का भी करीब 10-11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बोवनी का रकबा घट सकता है। कृषि अधिकारी बीएम सोलंकी के अनुसार बारिश की स्थिति को देखते हुए चना, सरसो की फसलों को प्राथमिकता दी जाएगी, वहीं गेहूं का रकबा कम होनी की संभावना है, जिन किसानों के पास सिंचाई की व्यवस्था है वे गेहूं की फसल लेंगे।