आए दिन का है ऐसा मामला ग्रामीणों के अनुसार ऐसा कार्य बच्चों से आए दिन यहां का स्टॉफ करवाता रहता है। उन्हें ग्रामीण कई बार शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन वे किसी की सुनने को तैयार नहीं है। हालात यह है कि अब प्रभारी ग्रामीणों को धमकाने भी लगते हैं इस वजह से गांव में अब कोई उनके खिलाफ बोलता नहीं है। कुछ ग्रामीणों के अनुसार प्रभारी ने गांव वालों को उधार राशि भी दे रखी है जिससे कोई उनके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है।
निजी स्कूल संचालकों ने दिया ज्ञापन निजी स्कूल संचालकों के दो गुटों के बीच शिक्षा का अधिकार कानून सहित अन्य मु²ों को लेकर एक राय नहीं बन पा रही है। सरकार के खिलाफ दोनों ही संगठन अपने-अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहे हैं लेकिन मु²ों पर साथ खड़े नहीं हो पा रहे हैं। बुधवार को ही निजी स्कूलों के संगठन अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के पदाधिकारियों व सदस्यों ने नए नियमों को लेकर सरकार के नाम जिला प्रशासन, जिला शिक्षा अधिकारी और प्रभारी जिला शिक्षा केंद्र अधिकारी को ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन में नए नियमों को लेकर आपत्ति जताई गई है जबकि आरटीई के तहत स्कूलों में प्रवेशित बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं होने को लेकर भी विरोध जताया गया है।
बच्चों से काम नहीं करवा सकते स्कूलों में बच्चों से काम करवाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। न ही बच्चों को दंडित किया जा सकता है। किसी स्कूल में बच्चे से तगारियां उठवाना और सफाई करवाने की बात सामने आ रही है तो यह गलत है। संबंधित प्राथमिक स्कूल के प्रभारी प्रधान अध्यापक या जिम्मेदार शिक्षक से जवाब मांगा जाएगा और उन पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
एमएल डामर, विकासखंड शिक्षा अधिकारी, रतलाम