कई बार मांग करने के बाद भी कही पर भी सुनवाई नहंी हो रही है। इससे परेशान होकर महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया और सीधे तौर पर 10 दिन में पट्टें दिए जाने की मांग की। नहीं तो मुख्यमंत्री के 24 मई को रतलाम आगमन के दौरान चक्काजाम करते हुए धरना प्रदर्शन कर विरोध करने की चेतावनी भी दे डाली। महिलाओं ने अपने मांग कलेक्टर तक पहुंचाने के लिए कलेक्टर के दफ्तर के बाहर ही वाहन के आगे बैठकर धरना तक दिया। आवास के सपने में पट्टांे के लिए महिलाओं ने झुलसा देने वाली इस धूप में पैदल मार्च निकाला और बंजली से कलेक्टोरेट तक पहुंची और प्रदर्शन कर एसडीएम अनिल भाना को प्रभरी मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। महिलाओं के इस प्रदर्शन के दौरान यहां हंगामा खड़ा हो गया। बाद में कलेक्टर रुचिका चौहान ने पहुंचकर जब उनकी बात सुनी और आश्वासन दिया तो मामला शांत हुआ।
गुरुवार को दोपहर करीब १२ बजे बाद बंजली गांव से लामबंद होकर महिलाएं, बच्चें व अन्य लोग निकलें जो पैदल कड़ी धूप में रतलाम में कलेक्टर के दफ्तर पर पहुंचे। जहां नारेबाजी करते हुए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रभारी मंत्री के नाम पट्टों की मांग को लेकर ज्ञापन एसडीएम को दिया। इसके बाद कलेक्टर के दफ्तर पर पहुंचे जहां कलेक्टर के वाहन के आगे सभी महिलाएं धूप में ही बैठ गई और जब तक कलेक्टर के आकर उनकी बात नहीं सुनी जाती तब तक हटने से इंकार कर दिया। बहुत देर तक यहीं दौर चला। इसके बाद कलेक्टर महिलाआंे के बीच पहुंची। जहां महिलाओं ने बताया कि बंजली में वह सब जन्म से ही निवास कर रहे है। कुछ परिवार जो नए आए है वे भी 15-20 वर्ष से रामदेवरा बस्ती, बंजारा बस्ती एवं नई आबादी बस्ती में कच्ची झोपडि़या बनाकर निवास कर रहे है। बावजूद उन्हें आज तक पट्टा नहीं दिया गया है। पंचायत से लगातार मांग करने के बाद भी उन्हें पट्टें नहीं मिले है। इससे उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेकर आवास का सपना पूरा करने में दिक्कत आ रही है। उन्हांेने खुले रुप से प्रशासन को चेतावनी देते हुए ज्ञापन में कहा कि 10 दिन में यदि उन्हें पट्टें नहीं दिए गए तो 24 मई को सीएम के कार्यक्रम मंे वह चक्काजाम कर इसी मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगी। कलेक्टर ने महिलाओं को मामले में उचित कार्रवाई का भरोसा दिया। इसके बाद महिलाओं का आक्रोश शांत हुआ और वह वाहन के आगे से हटी।