2 वर्तमान में दस बेड की व्यवस्था की गई है, आगे और बढ़ाएंगे।
2 यहां आने वाले श्रमिकों के ठहरने, भोजन और चाय नाश्ते की व्यवस्था रहेगी।
2 सैनेटाइजर व मास्क की व्यवस्था मुख्य द्वार पर ही रहेगी।
2 मेडिकल किट की व्यवस्था भी रहेगी। ताकि थोड़ी परेशानी होने पर वे दवाई का उपयोग कर सके। सभी दवाएं प्रमाणिक मिलेगी।
पत्रिका ने श्रमिकों को होने वाली परेशानी को समझकर श्रमिक आश्रय केंद्र की शुरुआत करने का सराहनीय कदम उठाया है। जिन जिम्मेदारों को यह कार्य करना चाहिए था। उन्हें भी आगे आना चाहिए। यह सामूहिक पहल करने का वक्त है। मनोज पांडेय, पूर्व अध्यक्ष, जिला इंटक कौंसिल, रतलाम।
पीडि़त मानवता की सेवा का मिला मौका
आपदा काल में पत्रिका ने हमें पीडि़त मानवता की सेवा का मौका उपलब्ध कराया है। इस सेवा के अवसर को जिम्मेदारी से निभाकर रतलाम व अन्य शहरों के लिए मिसाल कायम करेंगे।
कमलेश देशमुख, कोषाध्यक्ष, मप्र-छत्तीसगढ़ एमआर एसोसिएशन, रतलाम।
सामाजिक सरोकार के कार्यो को बढ़ा रहे
एसोसिएशन हमेशा सामाजिक सरोकार के कार्य से जुड़े रहकर हिस्सा लेते रहती है। पर्यावरण बचाने केे लिए पौधरोपण व लोगों के जीवन बचाने के लिए रक्तदान के कार्य में हिस्सा लेती है। श्रमिकों की सेवा का मौका मिलने से हमारा मनोबल और बढ़ा है। – हरीश सोनी, सचिव, मप्र-छत्तीसगढ़़़ एमआर एसोसिएशन, रतलाम।