आकड़ों से जानिए हकीकत रियल एस्टेट सेक्टर का बुरा दौर अब खत्म हो चुका है। बीते कुछ दिनों में आए आंकड़ों की माने तो आवासीय रियल्टी बाजार का सबसे खराब दौर खत्म होता दिखता है। प्रॉपटाइगर की रियल्टी डिकोडेड रिपोर्ट के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के दौरान शीर्ष 9 शहरों में मकानों की बिक्री जनवरी-मार्च 2017 के मुकाबले 0 से 69 फीसदी तक बढ़ गई। बड़े शहरों में हैदराबाद इकलौता था, जिसमें मकानों की बिक्री 29 फीसदी कम हुई। विशेषज्ञ इन आंकड़ों को आवासीय रियल एस्टेट बाजार में लगातार सुधार होने का सबूत बताते हैं। जानकारों के मुताबिक भारत में आवासीय संपत्ति का बाजार रफ्तार पकडऩे लगा है। अरसे तक जरूरत से ज्यादा मकानों के बोझ तला बाजार अब राहत महसूस कर रहा है क्योंकि खरीदारों की जेब को ये मकान माफिक आने लगे हैं।
रेरा ने किया सुधार मकान खरीदने वालों की मांग तो हमेशा से थी, लेकिन परियोजना तैयार होन में बहुत ज्यादा देरी के तलते हो खरीदारों में आगे बढऩे का हौसला खत्म हो गया था। उत्तर भारत में तो बड़े पैमाने पर परियोजनाएं अटक रही थीं। लेकिन रियल एस्टेट नियमन एवं विकास अधिनियम (रेरा) ने हालात बहुत हद तक सुधार दिए हैं। वह कहती हैं, ‘रेरा से घर खरीदारों को काफी फायदा हुआ है क्योंकि पारदर्शिता बढ़ गई है और उन्हें यकीन होने लगा है कि परियोजना वक्त पर पूरी हो जाएगी तथा उन्हें मकान की चाबी भी सही समय पर मिल जाएगी।