प्रधानमंत्री आवास योजना लटकी अधर में,स्लम की जगह फ्लैट बनाने के लिए गंभीर नहीं है राज्य सरकारें
राज्य सरकारें स्लम बस्तियों की जगह फ्लैट बनाने की योजना (इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स) को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रही है
केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (अर्बन) के तहत 2 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा है लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने में एक बड़ा अड़ंगा लग गया है। ऐसा सुनने में आ रहा है कि राज्य सरकारें स्लम बस्तियों की जगह फ्लैट बनाने की योजना (इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स) को लेकर ज्यादा गंभीर नजर नहीं आ रही है। एक सरकारी रिपोर्ट के अनुसार जिन 2 करोड़ परिवारों के पास पक्के घर नहीं हैं, उनमें स्लम बस्तियों में रहने वाले परिवारों की संख्या 1.80 करोड़ से ज्यादा नहीं है।
आपको बता दें इस प्रोजेक्ट के सिलसिले में प्रधानमंत्री आवास योजना की सेंट्रल सेंक्शन एंड मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक में इस मुद्दे का उठाया गया था। बैठक में कहा गया कि अधिकतर राज्यों में इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट (आईएसएसआर) प्रोजेक्ट्स शुरू नहीं हो पाए जबकि केंद्र की तरफ से राज्यों को पहली इंस्टॉलमेंट भी दी जा चुकी है। कमेटी की तरफ से राज्यों को यह सुझाव दिया गया कि वे इन-सीटू प्रोजेक्ट्स के प्रति गंभीरता दिखाएं, क्योंकि इसमें इन्वेस्टमेंट बहुत कम है।
हालांकि इस बैठक में राज्यों ने प्रोजेक्ट के पूरा न करने के कई बहाने बनाए। राज्यों ने अपने तर्क में कहा कि स्लम एरिया में फ्लैट बनाने के लिए डेवलपर्स आगे नहीं आ रहे हैं। साथ ही इसके लिए स्लम में रह रहे लोगों को मनाने भी आसान नहीं है क्योंकि स्लम बस्ती की जगह फ्लैट बनाने के लिए वहां रह रहे लोगों को वहां से हटाना होगा जिसके लिए वे लोग तैयार नहीं हो रहे हैं। लेकिन साथ साथ ही राज्यों सरकारें की ओर से यह आश्वासन दिया गया है स्लम बस्ती में रह रहे लोगों को पक्के घर देना उनकी प्राथमिकता में शामिल हैं और वे समय रहते अपना टारगेट को पूरा कर लेंगे।
ये हैं बड़े राज्यों की स्थिति
– मध्य प्रदेश में 4 इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स को मंजूरी प्रदान की गई है, जिनमें 2172 घर बनाने का प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक 960 घर बनाने के टेंडर इनवाइट किए गए हैं। इस बारे में मध्य प्रदेश के अधिकारियों का कहना है कि इन प्रोजेक्ट्स को लेकर डेवलपर्स रूचि नहीं दिखा रहे हैं।
– वहीं महाराष्ट्र में आईआईएसआर के तहत 2356 घर बनाने के एक प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है, लेकिन अभी तक डेवलपर भी फाइनल नहीं हो पाया है।
– हरियाणा में तो अभी एक भी प्रोजेक्ट की योजना तक नहीं बन पाई है
– राजस्थान में भी अफोर्डेबल हाउसिंग और बेनिफिशियरी लेड कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट्स तो तैयार हो रहे हैं, लेकिन एक भी इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की योजना नहीं बनी है।
– उत्तर प्रदेश में एक भी इन-सीटू स्लम रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट की योजना तैयार नहीं हुई है।
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