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अशिक्षा को मात देता यह बुक बैंक, हर बच्चे के हाथ में किताब देखना है इनका जुनून

बच्चों के हाथों में किताब देखकर हम आप सिर्फ मुस्कराकर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन अमिता शर्मा के लिए हर बच्चे के हाथ में किताब देखना किसी जुनून से कम नहीं है। अपने इसी जुनून को आकार देने के लिए उन्होंने बुक बैंक शुरू किया है..

Dec 17, 2016 / 01:12 pm

राहुल

har bacche ke haath mei kitab dekhna hai inka juno

har bacche ke haath mei kitab dekhna hai inka junoon

बच्चों के हाथों में किताब देखकर हम आप सिर्फ मुस्कराकर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन अमिता शर्मा के लिए हर बच्चे के हाथ में किताब देखना किसी जुनून से कम नहीं है। अपने इसी जुनून को आकार देने के लिए उन्होंने बुक बैंक शुरू किया है। आज बड़ी संख्या में जरूरतमंद बच्चे बैंक से किताब उधार लेकर अपने सपनों को भविष्य देने में जुटे हैं।

आरजी पीजी कालेज के सामने से विजयनगर को जाती गली में लगा प्रेरणा बुक बैंक का बोर्ड जिज्ञासा जगाने के लिए काफी है।् एक ऐसा बैंक जहां किताबों का विशाल धन हर जरूरतमंद बच्चे के लिए नि:शुल्क जमा है। निदेशक अमिता शर्मा ने शिक्षा की अलख जगाने और अशिक्षा के अंधेरे को मिटाने के लिए बुक बैंक के रूप में मशाल जलाई है। अमिता बताती हैं कि वह मूल रूप से मोदीनगर के पतला की रहने वाली हैं। पढ़ाई के दौरान उन्होंने शिक्षा का महत्व समझा और बच्चों को शिक्षित करने में मदद करने का प्रण लिया। शादी के बाद मेरठ आ गई और यहीं उन्होंने अपने परिवार के सहयोग से 3 मार्च 2016 को प्रेरणा बुक बैंक की नींव रखी।

Image may contain: 2 people, people standing and indoorबढ़ता रहा कारवां-

अमिता के अनुसार बुक बैंक शुरू करने का उद्देश्य एक ही था कि जरूरतमंद बच्चों के हाथ तक किताब आसानी और निशुल्क पहुंचाई जाए। पहले तो लोगों को अपनी बात समझाने में ही परेशानी हुई, लेकिन बाद में लोगों ने समझा और साथ आते गए। आज तमाम शिक्षण संस्थान, शिक्षक, सामाजिक संस्थाएं भी जुड़ी हैं।

लगातार फैल रहा है उजियारा-

बुक बैंक की मदद से आज 500 से अधिक बच्चे अच्छे नंबरों से परीक्षा पास कर चुके हैं। बच्चों को नि:शुल्क किताबें उधार दी जाती है। बैंक से किताबें एक सप्ताह से एक वर्ष तक के लिए भी पढ़ने के लिए ली जा सकती है। अधिक समय के लिए किताब पाने वाले बच्चों को अपने स्कूल के प्रधानाचार्य का अनुमति पत्र साथ लाना आवश्यक है।

बढ़ रहा है दायरा-

बच्चों की जरूरत को देखते हुए मेरठ में विजयनगर, सूरजकुंड और संजयनगर में बुक बैंक खोले गए हैं। जबकि मोदीनगर के राज चौपले पर भी ऐसा ही बैंक खोला है। अमिता बताती है कि बुक बैंक का सबसे अधिक लाभ ऐसे बच्चों को हैं जो महंगी किताबें नहीं खरीद सकते।

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