बच्चे के पास जिस फोन में ऐप होगा उससे माता-पिता को लगातार सूचना मिलती रहेगी। ऐप सवाल पूछेगा कि क्या आपका बच्चा सुरक्षित है। परिवारीजन सवाल का जवाब नहीं देते हैं तो ऐप में रजिस्टर्ड दूसरे नंबर पर अलर्ट मैसेज जाने लगेगा। यहां से भी कोई जवाब नहीं मिलने पर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट चला जाएगा। ऐप में जियोफेंसिंग तकनीक का प्रयोग किया गया है।
इसके तहत बच्चा जब अपने निर्धारित क्षेत्र से इधर-उधर जाता है तो इसकी सूचना भी अभिभावकों को मिलेगी। जैसे बच्चा जिस कैब या बस से स्कूल जा रहा है और अचानक से रास्ता बदल लिया तो अभिभावकों को अलर्ट मैसेज जाने लगेंगे। इस ऐप का सबसे अधिक फायदा बच्चों के अपहरण की घटनाओं को रोकने में मिलेगा।
साइकोलॉजिस्ट और चाइल्ड डेवलपमेंट एक्सपर्ट लिजा डैमोर का मानना है कि समय के साथ पूरी दुनिया में असुरक्षा की स्थिति पैदा हो रही है। बच्चों की सुरक्षा के लिए इस तरह के ऐप फायदेमंद है और इसके प्रयोग से किसी को परहेज नहीं करना चाहिए। ऐप बच्चों और अभिभावकों के भीतर डर और भय को खत्म करने का काम करेगा।