महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद जब पांचों पांडव भीष्म पितामह से राजनीति की शिक्षा लेने गए तो पितामह ने उन्हें ऐसी बातें बताई जो इंसान के पतन का कारण बनती हैं। महाभारत का युद्ध भी इन्हीं बातों के कारण हुआ था, ऐसे में हमें भी इन आदतों से दूर रहना चाहिए ताकि जीवन में सफल हो सकें।
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जुआ खेलनाजिन लोगों ने महाभारत की कहानी सुनी हैं उन्हें यह भली भांति मालूम है कि जुए में पांचों पांडवों तथा द्रोपदी के हारने के बाद ही चीरहरण का प्रयास किया गया था। इसी प्रयास के बाद अर्जुन, भीम और द्रोपदी ने ऐसी प्रतिज्ञाएं ली जिन्होंने महाभारत के युद्ध की नींव रखीं। इसी लिए जुए को निकृष्ट से निकृष्ट मानकर उसका परित्याग करने के लिए कहा गया है। जुआ मनुष्य के पूरे परिवार की बर्बादी का कारण बन जाता है।
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शिकार करनाशिकार के दौरान किसी न किसी निर्दोष जीव की हत्या होती है, जिसका भविष्य में बुरा परिणाम भुगतना पड़ता है। दशरथ को भी शिकार के दौरान श्रवणकुमार की हत्या करने के कारण शाप मिला था। इसी शाप के प्रभाव से राम के वनवास जाने के बाद दशरथ की राम के पुत्र वियोग में तरसकर मृत्यु हो गई थी। कुछ ऐसी ही कथा पांडवों के पिता पांडु की भी थी।
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स्त्रियों में कामभाव (आसक्ति) रखनापूरे विश्व में ऐसा कोई योद्धा नहीं था जो रावण को हरा सके परन्तु सीता के हरण के बाद उसे भगवान राम ने युद्ध में हराया और रावण की मृत्यु हुई। स्त्री आकर्षण के चलते ही विश्वामित्र की तपस्या खंडित हो गई और उन्हें मेनका के साथ गृहस्थ जीवन जीना पड़ा। इसलिए कहा जाता है कि स्त्रियों में कभी भी आसक्ति नहीं रखनी चाहिए वरन अपनी पत्नी के साथ ही संतुष्ट रहना चाहिए।
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दिन में सोनादिन में सोना आलस्य का संकेत है। आयुर्वेद के अनुसार दिन में सोने वाला कई बीमारियों का शिकार हो जाता है जिससे जीवन बुरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही आलसी होने के कारण ऐसा व्यक्ति जीवन में भी कभी कुछ हासिल नहीं कर पाता। इसलिए दिन में सोने की आदत से दूर ही रहना चाहिए। अस्वस्थ होने पर अवश्य दिन में सोया जा सकता है।
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